कानपुर– भारत में रोगियों की संख्या को कम करने के लिए सरकार ह प्रशासन पर जिम्मेदारियां बनी रहती हैं। लेकिन जिस तरह से सरकारी अस्पतालों के हालात नजर आ रहे हैं उससे साफ जाहिर हो रहा है कि यह सिर्फ कागजी घोड़ो पर ही दौड रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में स्थित राज्य कर्मचारी बीमा निगम अस्पताल जो कि सरकार के हाथों द्वारा संचालित किया जाता है और देखरेख की जाती है। बता दें कि इस अस्पताल में बिजली की समस्या आम ना होकर के खास हो गई है। लिहाजा सैकड़ों की तादात में जो मरीज हॉस्पिटल के अंदर अपना इलाज करवा रहे हैं। वह बिना बिजली के ही अव्यवस्थाओं में शामिल हैं। इस विषय में जब राज्य कर्मचारी बीमा निगम के सीएमएस जेडी बॉस से बात की तो उनका भी अलग धुन में अलग तरीके से अलग रुतबे में बातचीत करने का लहजा सामने आया।
सीएम साहब बता रहे हैं कि यह लचर व्यवस्था थी और रहेगी इसके लिए कोई एक जिम्मेदार नहीं है ।इसके लिए तो शायद सरकार भी जिम्मेदार हैं हम नहीं कह रहे हैं खुद सीएमएस आज ही अपने मुंह से बोल रहे हैं। वहां पर मौजूद मरीजों का साफ़ तौर पर कहना है कि बिजली कई महीनों से नहीं आ रही है तो क्या कहेंगे ऐसे नक्कारे अस्पतालों के जिम्मेदार प्रशासन को खुद तो ऐसी में रहते हैं लेकिन मरीजों के लिए जरा सी भी परवाह नहीं समझते और मौत के मुंह में धकेलते हैं।
(रिपोर्ट-दुर्गेश मिश्रा, कानपुर)