न्यूज डेस्क –अपने बयानों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाले बिहार की बेगुसराय लोकसभा सीट से सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह एक बार अपने बयानों को लेकर चर्चा में हैं। दरअसल गिरिराज सिंह ने विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर एक ऐसा बयान दिया, जिसपर विवाद खड़ा हो गया।
गिरिराज सिंह ने एक कार्यक्रम में कहा कि देश में हिंदू और मुसलमान दोनों के लिए दो बच्चों का नियम लागू होना चाहिए और जो इस नियम को नहीं माने उसका वोटिंग का अधिकार खत्म कर देना चाहिए। वहीं इस बयान को लेकर मुस्लिम धर्मगुरुओं और उलेमाओं ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है। इसके अलावा गिरिराज सिंह के इस बयान पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने भी पलटवार किया है।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के जनसंख्या को लेकर दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा, ‘जनसंख्या बढ़ने के लिए किसी एक धर्म को निशाना बनाना गलत है। हमें वोट देने का अधिकार भारत के संविधान ने दिया है, किसी राजनीतिक पार्टी या उसके नेता ने नहीं। देश के अंदर कोई भी शख्स किसी से वोट करने का अधिकार नहीं छीन सकता।’ मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली के अलावा कुछ अन्य उलेमाओं ने भी गिरिराज सिंह के बयान पर आपत्ति जताई है।
गिरिराज के बयान पर आजम का तंज
इससे पहले सपा के कद्दावर नेता व रामपुर से विधायक आजम खान ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के बयान पर पलटवार किया. उन्होंने तंज कसते हुए कहा है कि जिस परिवार में दो–तीन से ज्यादा बच्चे पैदा हो उन पति-पत्नी को फांसी दे देना चाहिए. क्योंकि इसके बाद नहीं रहेगा बांस और नहीं बजेगी बांसुरी. सपा सांसद आजम खान ने अपने बयान में कहा कि लोकतंत्र की हत्या की जा रही है. उन्होंने कहा कि वर्तमान केंद्र सरकार के शासन से अंग्रेजों का शासन बेहतर था.
ये कहा था गिरिराज का बयान…
ज्ञात हो कि गिरिराज सिंह ने पहले गुरुवार को ट्वीट करते हुए कहा था, ‘हिंदुस्तान में जनसंख्या विस्फोट अर्थव्यवस्था सामाजिक समरसता और संसाधन का संतुलन बिगाड़ रहा है। जनसंख्या नियंत्रण पर धार्मिक व्यवधान भी एक कारण है।, हिंदुस्तान 1947 की तर्ज पर सांस्कृतिक विभाजन की ओर बढ़ रहा है। सभी राजनीतिक दलों को साथ हो जनसंख्या नियंत्रण क़ानून के लिए आगे आना होगा।’ इसके बाद एक अन्य कार्यक्रम में गिरिराज सिंह ने कहा कि बढ़ती हुई जनसंख्या देश के लिए बड़ी चेतावनी है। इससे संसाधनों और सामाजिक समरसता के लिए खतरा पैदा हो गया है, इसलिए हिंदू और मुसलमान दोनों के लिए दो बच्चों का नियम लागू होना चाहिए और जो इस नियम को नहीं माने उसका वोटिंग का अधिकार खत्म कर देना चाहिए।