सपा प्रदेश अध्‍यक्ष ने सरकार पर जमकर साधा निशाना

गोरखपुर– सपा प्रदेश अध्‍यक्ष नरेश उत्‍तम ने प्रदेश की योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्‍होंने कहा कि प्रदेश में भाजपा की सरकार को एक साल हो गए है. उन्‍होंने कहा कि प्रदेश की एक साल की सरकार और केन्‍द्र की साढे तीन साल की भाजपा सरकार में महंगाई, भ्रष्‍टाचार, गरीबी, हिंसा और आतंकवाद ब‍ढ़ा है.

उन्‍होंने कानून व्‍यवस्‍था का भी बुरा हाल होने का आरोप लगाया. नरेश उत्‍तम ने कहा कि सरकार गलतबयानी करके जनता को गुमराह करना चाहती है. सरकार के तमाम अनुशांगिक संगठनों ने प्रदेश में तबाही मचा दी है. जिस तरह का माहौल आज उत्‍तर प्रदेश्‍ा में है ऐसी तबाही और अराजकता आजादी के 69 सालों में भी नहीं हुई. आज समाज का प्रत्‍येक वर्ग बहुत ही भयभीत है. प्रशासनिक अधिकारियों और अनुशांगिक संगठनों के द्वारा जनता को परेशान किया जा रहा है. जो वादा भाजपा ने केन्‍द्र में सरकार बनने के पहले किया था. यूपी में सरकार बनने के पहले भाजपा के नेताओं द्वारा किया गया.उन वादों से हट करके सरकार कार्य कर रही है.

भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में वादा किया था कि वे 2 करोड़ नौजवानों को प्रति वर्ष रोजगार देंगे. 3.5 वर्ष हो गया. अब तक 7 करोड़ शिक्षित लोगों को रोजगार मिलना चाहिए था. लेकिन, भारत सरकार ने नौकरी का इंतजाम नहीं किया. उन्‍होंने आरोप लगाया कि लगातार गलतबयानी हो रही है. भाजपा ने लोकसभा चुनाव के पहले कहा था कि हर व्‍यक्ति के खाते में 15-15 लाख रुपए भेजेगी.  आजतक उत्‍तर प्रदेश में किसानों का कुछ नहीं हुआ और किसान अपनी फसलें औने-पौने दाम पर बेचने का मजबूर हैं.

इतना ही नहीं नरेश उत्‍तम ने कासगंज की घटना को सरकार की नाकामी करार दिया है. उन्‍होंने कहा कि लोगों ने साजिश की और साजिश की वजह से ये घटना घटी है. उन्‍होंने कहा‍ कि इसकी जांच हो रही है. जांच होगी और दूध का दूध और पानी का पानी होगा. कासगंज में चंदन के मारे जाने की घटना के साजिश होने के सवाल पर उन्‍होंने कहा कि ये घटना दुर्भाग्‍यपूर्ण है. उसकी जितनी निंदा की जाए कम है. 

गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव पर उन्‍होंने प्रदेश्‍ा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अपना इ‍स्‍तीफा अपनी जेब में डाले रहे. उपचुनाव तो छह माह के अंदर हो जाना चाहिए था. लेकिन, वो पूरा साल गुजार दे रहे हैं. उन्‍होंने कहा कि अभी भी हमारी मांग है कि देश के विभिन्‍न उपचुनाव हुए उत्‍तर प्रदेश के दोनों उपचुनाव की घोषणा क्‍यों नहीं हुई और ये चुनाव क्‍यों नहीं कराया गया. भाजपा जनता का सामना नहीं करना चाहती है इसलिए इन चुनावों को कराना भी नहीं चाहती है. 

( रिपोर्ट – गौरव मिश्रा , गोरखपुर )

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