मेरठ — 2019 के लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही सभी दलों ने भाजपा को घेरना शुरू कर दिया है। वहीं प्रदेश की योगी सरकार को हर मोर्चे पर फेल बताते हुए समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा भी खोल दिया है।
इसी के कड़ी में आज सपा नेता अतुल प्रधान के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ता कमिश्नरी पहुंचे। यहाँ से सपा नेताओं ने आवारा पशुओं को लेकर कलेक्ट्रेट जाने का प्रयास किया तो उनकी पुलिस से तीखी नोकझोंक हुई। काफी देर चले हंगामे के बाद सपा कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल के नाम सौंपे गए ज्ञापन में प्रदेश सरकार से इस्तीफे की मांग की।
बताते चलें कि कुछ दिन पूर्व समाजवादी पार्टी के नेताओं ने शहर और गांव में घूमने वाले आवारा पशुओं को लेकर अपना विरोध प्रकट किया था। सपा नेताओं का आरोप है कि गांवों में चरने वाले आवारा पशुओं के कारण जहां किसानों की फसल बर्बाद हो रही है। वहीं दूसरी ओर शहर की सड़कों पर खुले घूमते आवारा पशुओं की दहशत के चलते लोगों का सड़क पर निकलना मुहाल हो गया है।
सपा नेताओं ने आवारा पशुओं को पकड़े ने जाने पर जनवरी माह के पहले सप्ताह में जिले के सभी सरकारी स्कूलों और कार्यालयों में आवारा पशुओं को बांध देने की चेतावनी दी थी। जिसके चलते आज सपा नेता अतुल प्रधान के साथ सैकड़ों कार्यकर्ता सड़क पर घूमने वाले आवारा सांडों को लेकर कमिश्नरी चौराहा पहुंचे। उधर सपाइयों के कार्यक्रम की जानकारी के चलते एसपी सिटी रणविजय सिंह सहित कई थानों की फोर्स ने कलेक्ट्रेट और कमिश्नरी चौराहे को छावनी में तब्दील कर दिया था।
सपा नेताओं के कमिश्नरी चौराहा स्थित चौधरी चरण सिंह पार्क पहुंचते ही पुलिस ने उनकी घेराबंदी शुरू कर दी। जिस पर सपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए हंगामा शुरू कर दिया। इस दौरान सपा नेताओं की पुलिस से तीखी नोकझोंक हुई। एक बार को हालात उग्र भी होते नजर आए।
काफी देर चले हंगामे के बाद सपा नेताओं ने राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में प्रदेश की भाजपा सरकार को हर मोर्चे पर फेल बताते हुए समाजवादी पार्टी के नेताओं ने प्रदेश सरकार से इस्तीफे की मांग की। और 5 तारीख़ तक आवारा पशुओं के रहने की कोई व्यवस्था करने का अल्टीमेटम भी दे डाला।
(रिपोर्ट-सागर कुशवाहा,मेरठ)