प्रयागराज — साल 2019 का आखिरी सूर्य ग्रहण समाप्त हो चुका है और घाटों पर लोगों का जमावड़ा भी लगना शुरू हो गया है।जबकि मंदिरों में मूर्तियों को स्नान कराकर पूजा अर्चना शुरू हो चुकी हैं।वहीं एक ओर जहां समूचे उत्तर भारत में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है और संगम नगरी प्रयागराज भी शीत लहर की चपेट में है। ऐसे में सात डिग्री पारा, कोहरे और धुंध के साथ चल रही बर्फीली हवाएं लोगों को कंपकंपाने को मजबूर कर रही हैं,बावजूद इसके संगम में लोग आस्था की डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं।लोगों की आस्था इस कड़ाके की ठंड पर भारी पड़ रही है।
दरअसल सूर्य ग्रहण के मौके पर संगम नगरी में पड़ रही कड़ाके की सर्दी के बावजूद बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं। संगम में आस्था की डुबकी लगाने के बाद श्रद्धालु तीर्थ पुरोहितों से टीका लगवा रहे हैं और क्षमता के मुताबिक दान पुण्य भी कर रहे हैं।सुबह चार बजे से ही स्नानार्थियों के संगम आने का क्रम शुरु हो गया था। बड़ी तादात में श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगाकर संगम के तट पर पूजा अर्चना कर रहे हैं। तीर्थपुरोहितों के मुताबिक सूर्य ग्रहण के मौके पर संगम स्नान का विशेष महत्व है।
बता दें कि 25 दिसंबर को रात 08 बजे से सूतक लग गया था। ऐसें मे सभी मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए थे। जिन्हें पुनः खोल दिया गया है। साल 2019 का आखिरी सूर्य ग्रहण गुरुवार की सुबह 08.17 से और 10 बजकर 57 मिनट पर समाप्त हो गया। 296 साल बाद यह सूर्यग्रहण लगा है ऐसे में लोगों में इसे लेकर काफी उत्साह था। इससे पहले 1723 में 07 फरवरी को ऐसा सूर्य ग्रहण देखने को मिला था। सूर्य ग्रहण का आरंभ गुजरात के द्वारिका से हुआ था उसके बाद पूरे देश में देखा गया।