लौहनगरी जमशेदपुर में इन दिनों सांपों का आतंक देखने को मिल रहा है, जहां बारिश के चलते सांप काटने की घटनाएं लगातार बढ़ रही है. मौत का सिलसिला भी जारी है. जमशेदपुर में कई ऐसे गांव हैं, जो जंगलों से घिरे हैं. ऐसे में बारिश के मौसम में सांपों का दिखना आम हो जाता है. यही वजह है कि सांप काटने की घटनाएं भी बढ़ जाती है. कई इलाकों में तो सांपों की दहशत ऐसी है कि लोग घर बार छोड़ दूसरी जगहों पर रहने चले जाते हैं. शहर के एमजीएम सदर अस्पताल और निजी अस्पतालों में रोजाना बड़ी संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं.
सांप कांटने के बाद अगर ठीक समय पर इलाज मिले तो मौत की संभावना ना के बराबर होती है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में अक्सर लोग मरीजों को डॉक्टर के पास ना ले जाकर ओझा के पास ले जाते हैं. जिससे उन्हें इलाज नहीं मिल पाता और उनकी मौत हो जाती है. बात करें जमशेदपुर की तो यहां करीब 21 प्रजाति के सांप पाए जाते हैं. इनमें 5 प्रजातियां ऐसी हैं, जो बेहद जहरीली हैं. जहरीले सांपों में स्पेक्टिकल कोबरा, बैंडिट करैत, इंडियन रेड स्नैक, बुल स्नैक और रसेल कोबरा शामिल है.
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युवाओं की सर्प रक्षक टीम की कर रही पहल
जिले में हर साल 25 से 30 लोगों की मौत सांप काटने से होती है. बरसात के समय सांप काटने की घटनाएं बढ़ जाती है, जहां एक तरफ सांप के डर के साए में लोग रहने को मजबूर हैं. तो वहीं जमशेदपुर के युवाओं ने एक बड़ी पहल की है. सर्प रक्षक कहे जाने वाले ये युवा सांपों को पकड़ने का काम करते हैं. जहां से भी इन्हें सांप दिखने की जानकारी मिलती है, वहां पहुंचकर ये सांपों का रेस्क्यू करते हैं. सर्प रक्षकों की पहल बेहद सराहनीय है, क्योंकि सांपों के डर से अक्सर लोग उन्हें मार देते हैं. वहीं, ये युवा सांपों का रेस्क्यू कर लोगों को तो बचाते ही हैं. साथ ही सांपों को भी जंगल में छोड़ आते हैं ताकि इंसानों से उन्हें भी कोई खतरा ना हो.
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