स्पोर्ट्स डेस्क — भारतीय क्रिकेट टीम के सुपरस्टार ऑलराउंडर व 2011 विश्वकप के हीरो युवराज सिंह ने सोमवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का ऐलान कर दिया।
बता दें कि सिक्सर किंग के नाम से मशहूर युवराज सिंह ने अपने करियर की शुरुआत सौरव गांगुली की कप्तानी में साल 2000 में नैरोबी में की थी। युवराज करीब 17 साल तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलते रहे।
युवराज सिंह ने साउथ मुंबई होटल में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में संयास का ऐलान किया। इस दौरान युवराज ने कहा कि मैंने कभी हार नहीं मानी। खेल से मेरा लव और हेट का रिश्ता रहा है। युवराज जब संन्यास की घोषणा कर रहे थे, तब सामने बैठीं उनकी मां शबनम की आंखों में आंसू छलक आए।
युवराज भारत के लिए 40 टेस्ट, 304 वनडे और 58 ट्वंटी-20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच खेल चुके हैं, जिनमें उन्होंने क्रमश: 1900, 8701 और 1177 रन बनाए हैं। युवराज ने अपना आखिरी ट्वंटी-20 मैच फरवरी 2017 में इंग्लैंड के खिलाफ और वनडे जून 2017 में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था।
उम्दा बल्लेबाज युवराज ने गेंदबाजी में हाथ आजमाए। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 9, वनडे मैचों में 111, टी-20 में 28 और आईपीएल में 36 विकेट लिए।इस दौरान उन्हेंने छ छक्के मारने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया।वहीं कैंसर के खिलाफ जंग लड़ने वाले युवराज ने कहा कि अब वे कैंसर पीड़ितों की मदद करेंगे।
12 दिसंबर 1981 को चंडीगढ़ शहर में जन्मे युवराज सिंह के पिता योगराज भी भारतीय टीम के लिए खेल चुके हैं। बचपन में स्केटिंग का शौक रखने वाले युवराज को क्रिकेट खेलने की प्रेरणा अपने पिता से ही मिली। उन्होंने बेहद कड़ाई से युवराज को इस खेल में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने युवराज के लिए घर में ही पिच बनवा दी थी।