औरैया– औरैया के अजीतमल तहसील के गांव में अगर आप प्रवेश करना चाहते है तो जरा सभलिये, देखिए, पढिए और फिर आगे बढिए,क्योकिं यहाँ पर साइन बोर्डो पर लिखे टाइटल आपको हैरान कर देंगे।
यमुना के पट्टी में बसा यह क्षेत्र कुख्यात डाकुओं की शरण स्थली रहा है जिसके कारण लोंग इस क्षेत्र में आने से कतराते रहे।समय के साथ डकैतों का सफाया हुआ तो क्षेत्र में अमन चैन आया।लेकिन इस क्षेत्र में अबकी बार जातीय जहर फैलता हुआ नजर आ रहा है।
सावधान! अगर इन गॉवों में प्रवेश करना चाहते है तो पढ़िए इन साइन बोर्डों को…..
अभी हाल में एक विशेष जाति ने द ग्रेड का सिंबल लेकर गांव गांव के किनारे शाइन बोर्ड गाड़ दिए है।जिससे इन बोर्डो के लगने के बाद दूसरी जातों ने भी मोर्चा खोल दिया है। नेशनल हाईवे पर बसे औरैया के अजीतमल तहसील के गांव जगदीशपुर,कोठी, नेवरपुर,टकपुरा, उम्मरपुर, मिस्रपुर और लक्ष्मण की मड़ैया सहित कई दलित बाहुल्य कई गाँवो में एक जाति विशेष को वकायदा शाइन बोर्डो पर महान लिखकर दूसरी जातियों को टकराव के लिए उकसाने की तैयारी हो चुकी है।जिसके बाद भीखेपुर में एक और जाति ने नया टाईटल तैयार कर दीवार पर लिखवा दिया है।
जिला प्रशासन की अनदेखी के चलते औरैया के अजीतमल क्षेत्र में यह लिखे हुए वाक्य जातीय संघर्ष को हवा देने का काम कर रहे है।एक जाति विशेष द्वारा गांव के किनारे द ग्रेट…के साइन बोर्ड के बाद एक और जाति विशेष ने बोर्ड पर लिखा -‘गुर्जर क्षेत्र ; अपनी अकड़ अपनी जेब मे रखिये’ ।
प्रशासन नही चेता तो सामाजिक समरसता हो सकती है तार तार:
पूरे मामले को सरसरी नजर डाली जाए तो पुलिस की भूमिका सवालों के घेरे में खड़ी है। जहाँ पूर्व की घटनाओं से सबक न लेते हुये भारत बंद के बबाल में महज औपचारिकताओं के बाद मामले को ठंडे बस्ते में डाल देना उपद्रवियों के हौसले बढ़ाने का काम कर गया, परिणाम स्वरूप आरोपी युवकों की रिहाई के बाद रातों रात इन गांवों में बैठकों का दौर शुरू होना और युवाओं का लामबंद होना भविष्य में किसी बड़े बबाल की आशंका को पर लगाता है। स्थिति यह हो चली है कि अब यह कथित आंदोलन बीहड़ पट्टी के अंदरूनी गाँवो में जातिय टकराव को बढ़ाने का काम तेजी से कर रहा है।
(रिपोर्ट- वरुण गुप्ता , औरैया )