जालौन– प्रदेश में योगी सरकार के राज में प्राईवेट कालेज अपनी मनमानी पर उतर आये है और (DLEd पूर्व में प्रचलित बीटीसी) के छात्र-छात्राओं का फीस के नाम पर जमकर शोषण करने में लगे है।
सरकार द्वारा निर्धारित फीस जमा करने के बाबजूद प्राईवेट कालेज अपने मन-मुताबिक छात्र-छात्राओं का शोषण करके उनसे मोटी रकम बसूल रहे है और रुपये न देने के स्थिति में कालेज में आने के बाबजूद छात्र-छात्राओं को अनुपस्थित कर दे रहे है। यह तानाशाही जालौन के एक नहीं बल्कि सभी DLEd (पूर्व में प्रचलित बीटीसी) कालेजों में देखने को मिल रही है।
सबसे बुरा हाल जालौन के कोंच तहसील के ग्राम दिरावती के श्री घनाराम महाविद्यालय में देखने को मिल रहा है। इस कालेज में बीटीसी की 50 सीटें शासन द्वारा दी गई है जिसमें काउंसलिंग के जरिये सिर्फ 45 सीट पर ही छात्र-छात्राओं ने अपना दाखिला कराया है। जबकि 5 छात्र-छात्राओं ने कालेज प्रशासन द्वारा मांगी जा रही मनमानी फीस के कारण अपना दाखिला नहीं कराया गया। शासन ने इस बार काउन्सलिग के जरिये 2 लाख 10 हजार सीटें भरी है। जिसमें शासन ने फीस के रूप में प्राईवेट कालेज को 31 हजार रूपये का ड्राफ्ट छात्र-छात्राओं के माध्यम से जमा कराया जबकि 10 हजार रुपये की फीस परीक्षा नियामक प्राधिकारी को दी गई। शासन द्वारा निर्धारित फीस देने के बाबजूद जालौन के 40 से अधिक प्राईवेट कालेजों में छात्र-छात्राओ का शोषण किया जा रहा है।
इस महाविद्यालय ने हद तो उस समय कर दी जब टूर के नाम पर भी रुपये जमा कराये जाने लगे। इसका विरोध छात्र-छात्राओं द्वारा किया गया लेकिन महाविद्यालय प्रशासन ने DLEd (पूर्व में प्रचलित बीटीसी) के छात्र-छात्राओं को एक सर्कुलर जारी कर दिया कि जिन छात्र-छात्राओं ने 24 अगस्त तक टूर की फीस 2500-2500 रूपये नहीं की उसकी 25 अगस्त से अनुपस्थिति लगानी शुरू कर दी जायेगी चाहे वह कालेज में उपस्थित ही क्यों न हो। इस तुगलकी फरमान के बाद से छात्र-छात्राओं में आक्रोश है। वही उरई के करसान में स्थित नरेंद्र द्विवेदी महाविद्यालय के साथ लक्ष्मीचरण हुब्बलाल महाविद्यालय में डायट के नाम पर 2000-2000 हजार रुपये जमा कराये जा रहे है।
अनट्रेंड टीचर है महाविद्यालय में :
दिरावटी के महाविद्यालय श्री घनाराम निरंजन में अनट्रेंड टीचर ही अध्यापन का कार्य कर रहे है। इसमें एक अध्यापक को छोडकर कोई भी टीचर DLEd (पूर्व में प्रचलित बीटीसी) को पढ़ाने अधिकार नहीं रखता। इसमें पढ़ाने वाले अध्यापक सिर्फ एमए पास है। जबकि महाविद्यालय में पढ़ाने के लिये एमफिल नेट क्वालिफाईड के साथ पीएचडी होना चाहिये। कालेज के दस्तावेजों में दूसरे अध्यापकों को दर्ज किया गया है जबकि इसमें अनट्रेंड अध्यापक ही पढ़ा रहे है।
ऐसे कालेजों पर होगी कार्यवाई:
DLEd (पूर्व में प्रचलित बीटीसी) कालेजों में छात्र-छात्राओं से मनमाफिक फीस बसूलने के मामले में जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य रतन सिंह से जब बात की तो उन्होने बताया कि शासन ने जब 41000 रुपये फीस निर्धारित की है कालेज को अन्य फीस लेने का अधिकार नहीं है। उन्होने बताया कि कापी-किताब ड्रेस टूर के नाम से जो भी कालेज छात्र-छात्राओं से मनमाफिक फीस बसूल रहे है उन कालेजों की शिकायत शासन को की जायेगी और ऐसे कालेजों के खिलाफ कारवाही की जायेगी।
(रिपोर्ट – अनुज कौशिक , जालौन )