न्यूज डेस्क — एचआइवी की जागरूकता के बीच यह लोगों में पनप रहा है। हिसार में समलैंगिक संबंध बनाने वालों में एचआइवी पाया गया है। खास बात है कि इन मामलों में मरीजों के उपचार से बड़ी चुनौती तो इन्हें खोजने की है। चूंकि कानून ने जरूर मान्यता दे दी मगर समाज ने अभी तक इस प्रकार के रिश्तों को नहीं अपनाया है। यह जानकर हैरानी होगी कि हिसार में टारगेटिड इंटीग्रेटिड प्रोग्राम के तहत सर्वे कराया गया, जिसमें समलैंगिक संबंधों को तरजीह देने वालों के 39 केस सामने आए।
इनमें से सभी के सैंपल जांच के लिए भेजे तो पांच मामलों में एचएआइवी पॉजिटिव मिले। इस सर्वे को करने वाले मानते हैं कि यह आंकड़ा बड़ा भी हो सकता है अगर ऐसे संबंध रखने वाले लोग सामने आएं। बड़े शहरों में अक्सर लोग सामने आ जाते हैं मगर हिसार जैसे शहरों में लोगों को सामने लाना पड़ता है।
दरअसल सबसे पहले टारगेटेड इंटीग्रेटिड प्रोग्राम के अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए चुनौती ऐसे मरीजों को खोजने की है। इसके बाद इन मामलों में अक्सर समझाया जाता है। खास बात है कि महिला कर्मचारी इस काम को आसानी से कर पा रही हैं। एक बार मरीज मिला फिर वह धीमे-धीमे कर समझाते हैं कि उन्हें आगे क्या करना है, समय-समय पर टेस्ट कराना है, दवा कैसे लेनी है और बिना किसी झिझक के सेंटर तक कैसे पहुंचना है। यह सभी जानकारी काउंसलर द्वारा उन्हें दी जाती है। मगर सबसे बड़ी चुनौती यही है कि लोग आसानी से सामने नहीं आते।