मेरठ — पुलवामा में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुई सेना के जवान अजय कुमार की अंतिम यात्रा में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. मेरठ के लोगों ने नम आंखों से शहीद अजय कुमार को श्रद्धांजलि दी.
लोगों सेना के जवान की शहादत पर आंसू बहाते हुए कई किलोमीटर चली लंबी शव यात्रा में वाहन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलते नजर आए.इस दौरान केंद्र सरकार और यूपी सरकार के कई मंत्री, स्थानीय विधायक और अन्य दलों के भी कई बड़े नेता शहीद अजय कुमार के अंतिम यात्रा में शामिल हुए.
बता दें कि मंगलवार सुबह विधिवत गार्ड ऑफ ऑनर के साथ शहीद के शव को गांव लाया गया. जहां नम आंखों से मिलिट्री के कई आला अधिकारियों ने शहीद जवान अजय को श्रद्धांजलि दी. मेरठ के थाना जाने क्षेत्र के ग्राम बसा टिकरी में मातम का माहौल है. मातम केवल गांव के लोग ही नहीं बल्कि पूरे जिले भर के लोग मना रहे हैं. लोगों की बस एक ही मांग है कि खून के बदले खून चाहिए.
उल्लेखनीय है कि शहीद जवान अजय 7 अप्रैल 2011 को ’20 ग्रेनेडियर्स’ में नियुक्त हुए थे फिलहाल वह 55 राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात थे. परिजनों ने बताया कि अजय 31 जनवरी को एक माह की छुट्टी के बाद ड्यूटी पर लौटे थे. तीन दिन पहले ही पुलवामा हमले के बाद परिजनों को उनकी चिंता होने लगी थी, जिसके बाद परिजनों ने अजय से फोन पर बात की थी.बता दें कि पुलवामा में रविवार को देर रात हुए आतंकियों से मुठभेड़ में 4 जवान शहीद हुए थे जिसमें मेरठ का लाल अजय भी शामिल था.
गौरतलब है कि अजय के पिता वीरपाल सिंह सेना से रिटायर्ड हैं. वहीं अजय अपने परिवार के इकलौते सहारे थे. दरअसल, उनके भाई की सात माह पहले बीमारी के चलते मौत हो गई थी. उनकी एक बहन है लेकिन उसकी शादी हो चुकी है. अजय की शादी चार साल पहले हुई थी. उनका एक ढाई साल का बेटा है. जिसका नाम आरव है. परिवार की माने तो देश सेवा के लिए उनके परिवार का अगला फौजी आरव होगा.
(रिपोर्ट-सागर कुशवाहा,मेरठ)