न्यूज डेस्क — भारत के दो दिवसीय दौरे पर आईं जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच शुक्रवार को द्विपक्षीय बैठक हुई। इस दौरान दोनों देशों के बीच कई समझौतों पर मोहर लगी। इनमें रक्षा, तकनीक, शिक्षा, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस समेत प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि जर्मनी और भारत के रिश्ते लोकतंत्र और कानून के नियमों पर आधारित हैं। हम आतंकवाद से लड़ने के लिए द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग को बढ़ाएंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद और उग्रवाद जैसे खतरों से निपटने के लिए हम द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग को और घनिष्ठ बनाएंगे। विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सदस्यता को जर्मनी के सशक्त समर्थन के लिए हम आभारी हैं। मुझे खुशी है कि भारत और जर्मनी के बीच हर क्षेत्र में खासतौर पर न्यू एंड एडवांस्ड टेक्नोलॉजी में दूरगामी और रणनीतिक कॉपरेशन बढ़ाने में आगे बढ़ रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि 2022 में स्वतंत्र भारत 75 वर्ष का होगा। तब तक हमने न्यू इंडिया के निर्माण का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य के लिए जर्मनी की क्षमताएं उपयोगी होंगी। हमने आर्टिफिशिल इंटलीजेंस, शिक्षा, स्किल्स, एडवांस्ड टेक्नोलॉजी और साइबर सेक्योरिटी के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर विशेष बल दिया है। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी, इनलैंड वाटरवेज, नदियों की सफाई और पर्यावरणीय क्षेत्र में सहयोग का फैसला लिया है।
वहीं जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने साक्षा कॉन्फ्रेंस में कहा कि करीब 20 हजार भारतीय छात्र जर्मनी में पढ़ रहे हैं। हम चाहते हैं कि यह संख्या और बढ़े। वोकेशनल ट्रेनिंग के क्षेत्र में शिक्षकों के आदान प्रदान का होना भी चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हम सतत विकास और क्लामेट प्रोटेक्शन के क्षेत्र में साथ काम करना चाहते हैं।