लखनऊ–बलरामपुर के बीजेपी कार्यकर्ता अनिल श्रीवास्तव ने विशेषखंड निवासी आरपी तिवारी पर पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी का टिकट दिलाने के नाम पर ठगी का आरोप लगाया है। उन्होंने टिकट के नाम पर पत्नी से 27 लाख की डील कर सात लाख रुपये हड़पने, रकम वापस मांगने पर पत्नी से अभद्रता करने और जालसाजी से दस्तावेज तैयार कर फर्जी मामला तैयार करने का भी आरोप लगाया है।
विभूतिखंड पुलिस ने मामले की रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। बलरामपुर के रेहार बाजार स्थित सराय खास निवासी अनिल श्रीवास्तव का दावा है कि वह बीजेपी के सक्रिय कार्यकर्ता हैं। विभूतिखंड पुलिस को दी तहरीर में उन्होंने विशेषखंड निवासी आरपी तिवारी पर पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी से टिकट दिलवाने के नाम पर ठगी का आरोप लगाया है। अनिल का कहना है कि उनको बताए बिना उनकी पत्नी सीतू ने उनके गुरु योगेंद्र कुमार मिश्रा के माध्यम से आरपी तिवारी से मुलाकात की थी। आरपी ने खुद को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का पुरोहित बताते हुए उनकी पत्नी को भरोसे में लिया और 27 लाख में विधानसभा चुनाव के लिए उतरौला से बीजेपी का टिकट दिलवाने का वादा किया। सीतू ने योगेंद्र मिश्रा के सामने ही आरपी को 27 जनवरी को उनके विशेषखंड स्थित आवास पर 50,000 रुपये दिए। उसके बाद उसी दिन उनके अकाउंट में डेढ़ लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए थे। 31 जनवरी को सीतू ने योगेंद्र मिश्रा के साथ उनके घर जाकर उन्हें फिर पांच लाख रुपये दिए थे।
बाकी रकम टिकट मिलने के बाद दिए जाने की डील हुई थी। बीजेपी में टिकट वितरण के बाद अनिल को टिकट नहीं मिला तो उनकी पत्नी ने पति को पूरी बात बताई। सीतू ने योगेंद्र मिश्रा के साथ आरपी के घर जाकर रुपये वापस मांगे तो उन्होंने एक सप्ताह में रकम वापस करने का भरोसा दिया। सीतू का आरोप है कि रकम वापस न करने पर वह आरपी के पास रुपये मांगने गईं तो उन्होंने उनसे अभद्रता की और धमकी दी। अनिल का यह भी आरोप है कि रकम वापस न करना पड़े, इसके लिए आरपी ने एक प्लॉट का जाली दस्तावेज तैयार किया और उसमें अनिल के फर्जी दस्तखत भी किए हैं। दस्तावेज में सात लाख रुपये का लेनदेन दर्शाया गया है। अनिल का दावा है कि प्लॉट के लेनदेन का पूरा मामला फर्जी है। फिलहाल विभूतिखंड पुलिस ने अनिल की तहरीर पर आरपी के खिलाफ जालसाजी, अभद्रता और धमकी का मामला दर्ज कर लिया है।