बरेली–नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) कानून के बाद अब मुस्लिम घरानों को सिविलयन रजिस्ट्रेशन सिस्टम (सीआरएस) का खौफ सता रहा है। केंद्र सरकार ने डिजिटल इंडिया प्रोजेक्ट के तहत इस व्यवस्था को लागू करने के आदेश पहले ही दिए थे, लेकिन अब बरेलीवासियों के लिए गले की फांस बनता जा रहा है।
इन नई सिस्टम के तहत जन्म, मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने की व्यवस्था शुरू हो गई है। घर में हुए बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र के लिए सात शर्तों से गुजरना पड़ेगा। इसके लिए आठ स्थानों पर सेंटर बनाए गए हैं। पहले जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिये स्थानीय नगर निगम व नगर पालिक में जाकर आवेदन कर उसे चन्द घंटों में प्राप्त कर लिया जाता था। लेकिन अब इसके लिये लोगों को हफ्तों इंतजार करना पड़ रहा है। एनसीआर को लेकर पूरे देश भर में बवाल मचा हुआ है।
घर पर हुआ बच्चों का जन्म तो पूरी करनी होगी यह शर्तः
प्रार्थना पत्र, 2 रुपये के कोर्टफीस टिकट के साथ।
नगर निमग फार्म पार्षद, जनप्रतिनिधि से प्रमाणित हो।
शपथ पत्र पर फोटो अटेस्ट और नोटरी का नंबर हो।
शपथकर्ता व माता-पिता का आईडी प्रुफ।
स्कूल का प्रमाण पत्र या जो पढ़े लिखे नहीं उन्हें दो गवाहों की आईडी, फोटो भी।
नगर निगम में आने से पहले सिटी मजिस्ट्रेट के आदेश कराना अनिवार्य।
सिटी मजिस्ट्रेट के आदेश उपरांत जन्म-मृत्यु आवेदन केवल सीआरएस पोर्टल से स्वीकार किया जाएगा। जो सेंटर चिन्हित किए हैं वो ही मान्य।
ऑन लाइन जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए बनाए गए सेंटर
इस समय शहर के तमाम स्कूलों में एडमिशन प्रक्रिया चल रही है। जिसमें बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र भी जमा करना अनिवार्य है। ऐसे में लोग प्रमाण पत्र बनवाने के लिए नगर निगम में चक्कर लगा रहे हैं।