सीतापुर — राजधानी लखनऊ में हुए विवेक तिवारी हत्याकांड में आरोपी सिपाही के समर्थन में शुक्रवार को लखनऊ के साथ-साथ सीतापुर के पुलिसकर्मी भी काली पट्टी बांधकर ड्यूटी पर पहुंचे और अपना विरोध दर्ज कराया।
इनका आरोप है कि विवेक तिवारी हत्याकांड में जेल में बंद दो सिपाहियों प्रशांत चौधरी और संदीप कुमार के खिलाफ एकतरफ़ा कार्रवाई की जा रही है।
बता दें कि पिछले कई दिनों से कई पुलिस कर्मी सोशल मीडिया पर कैम्पेन चला रहे है । यहीं नहीं 5 अक्टूबर को सिपाहियों ने काली पट्टी बांध कर ब्लैक डे मनाने का भी निर्णय लिया था लेकिन एक दिन पहले ही DGP ओपी सिंह ने फरमान जारी किया कि अगर विरोध हुआ तो कार्रवाई की जाएगी।
वहीं DGP के फरमान को दरकिनार करते हुए आज सिपाहियों ने विद्रोह का बिगुल फूंक दिया। जिसके चलते राजधानी लखनऊ के साथ कई जिलों में हाथ पर काली पट्टी बांध कर सिपाहियों ने अपना विरोध दर्ज कराया है।इस क्रम में सीतापुर के तंबौर थाने के सिपाहियों ने भी हाथ में काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया। वहीं मामला एसओ की जानकारी होने के बाद भी मीडिया को गुमराह करते रहे।
अब सवाल यह उठता है कि आखिर क्यों एक निर्दोष के हत्या के आरोपी सिपाही को बचाने के लिए काली पट्टी बाँधी। क्या यही है अनुशासन? ऐसे ही निभाएंगे कर्तव्य। इसी तरह करेंगे सेवा। कहाँ हैं खाकी की खूबियों का ढिंढोरा पीटने वाले अफसर? क्यों छाई है खामोशी? किस दिशा में जा रही है पुलिस.? क्या इसका जवाब है किसी के पास।
(रिपोेर्ट-सुमित बाजपेयी,सीतापुर)