प्रतापगढ़ — जिले के अंतू कोतवाली इलाके से रिश्तों को शर्मशार करने वाली भयावह घटना खुलकर सामने आई है जहाँ प्रीती वर्मा नामक किशोरी 13 मई 19 को कलयुगी पिता राजू वर्मा अपने तीन भाइयों जमुना प्रसाद, राजेश और बृजेश संग बेरहमी से पीटपीट कर मार डाला और साक्ष्य मिटाने को सई नदी के सिंहनी घाट पर लेजाकर जला दिया।
पाप बड़ेरी चढ़ कर बोलता है ये कहावत यहा उस समय चरितार्थ हुई और सच्चाई खुद-ब-खुद सामने आ गई। एसपी अभिषेक सिंह ने अंतू कोतवाली के निरीक्षक मनोज तिवारी को सूबे के कैबिनेट मंत्री मोती सिंह के रिश्तेदार सर्वेश सिंह उर्फ विक्की पर 11 नवम्बर 19 को गोली मारे जाने की घटना का पर्दाफाश करने को लगाया। काफी मसक्कत और तमाम मुखबिरों के बूते विक्की के हमलावरों में से सांगीपुर इलाके टेकनिया और नेवादा के रहने वाले दो अभियुक्तों पवन सरोज और अजय पासी को एसटीएफ लखनऊ के सहयोग से 11 फरवरी 2020 को गिरफ्तार कर लिया जबकि एक अभियुक्त बाबू अभी फरार है। पुलिसिया पूंछतांछ शुरू हुई तो रिस्तो को शर्मशार करने वाली लोमहर्षक घटना खुद-ब-खुद खुलकर सामने आ गई।
पिता और तीन चाचाओं ने की हत्या
दरअसल हुआ कुछ यूं कि पकड़े गए अजय पासी ने बताया कि वह प्रीति से प्यार करता था, प्रीति के नजर न आने पर बेचैनी से खोजबीन कर रहा था इसी बीच 15 मई 19 को प्रीती की गुमसुदगी का मुकदमा दर्ज कराने को उसके चाचा राजेश के साथ इलाके का विक्की भी गया था जिसके चलते उसे शक हुआ कि प्रीती को गायब करने में विक्की का हाथ है और मौका पाकर गोली मार दी।
यही से होती है ऑनर किलिंग की परतों के खुलने की शुरुआत, पुलिस ने जब प्रीती के पिता और चाचाओं को पकड़ कर पुलिस ने कड़ाई पूंछतांछ की तो पुलिस खुद आश्चर्य में पड़ गई और परते खुलती गई। प्रीती के पिता और चाचाओं ने बताया कि प्रीती गांव के फूलचन्द्र वर्मा के भांजे राहुल उर्फ दीपक से प्रेम करती थी जिसके चलते जल्दबाजी में हमने शादी तय कर दी। 13 मई 19 को सगाई थी बावजूद इसके वह दीपक से मिलने चली गई, हमलोग ढूंढते वहा पहुच गए जिसके बाद दीपक भाग निकला। हम लोग प्रीती को पकड़ कर घर लाये पहले समझाया लेकिन वह दीपक के सिवा किसी और से शादी को तैयार नही हुई तो चारो भाइयों ने मिलकर बेरहमी से पिटाई कर दी और उसकी मौत हो गई।
अगले दिन हमने मौका देखकर प्रीती और उसके मोबाइल को नदी किनारे जलाकर राख नदी में फेंक दिया और पुलिस को गुमशुदगी की तहरीर दे दी। दीपक ने पुलिस को बताया कि हम दोनों ने चुपके से मन्दिर में शादी कर ली थी जिसके चलते परिजन खुश नही थे और इस शादी को मानने को तैयार नही थे। परिजनों को झांसा देने के लिए प्रीती सगाई को तैयार हो गई और सगाई के बाद दीपक के साथ कोर्टमैरिज कि तैयारी में थी। इस बात का खुलासा एसपी ने प्रेसवार्ता में किया।
प्रेम कहानी का दर्दनाक अंत
नफरत की दीवारों के चलते एक और प्रेम कहानी का अंत हो गया। बड़ा सवाल यह है कि आज हम इक्कीसवीं सदी में जी रहे है, जातिव्यवस्था खत्म करने की बाते बड़े बड़े नेता भी कर रहे है लेकिन प्रेम करने वालो से इज्जत और सामाजिक प्रतिष्ठा के नाम पर अपने ही मौत के घाट उतार रहे है। यहा पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे है कि इतने दिनों तक गुमसुदगी दर्ज होने के बावजूद पुलिस ने किन कारणों से इस केश के खुलासे के प्रयास नही किया।
(रिपोर्ट-मनोज त्रिपाठी,प्रतापगढ़)