लखनऊ– देशव्यापी हड़ताल के दूसरे दिन भी राजधानी में असर दिखा। ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर मंगलवार से शुरू दो दिवसीय हड़ताल के दुसरे दिन भी राज्य भर श्रमिकों का विरोध देखने को मिला।
दूरसंचार,एलआईसी, शिक्षा, बिजली और स्वास्थ्य विभाग कर्मियों के साथ ही अन्य विभागों के सरकार की श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ ट्रेड यूनियन का साथ दिया और हड़ताल में शामिल हुये।राजधानी में भी कई श्रमिक संगठनों और बिजली कर्मचारियों ने लेसा भवन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन के जरिए नेताओं ने केन्द्र व प्रदेश सरकार से अपील की है कि देशहित में, जन हित व कर्मचारियों के हित में देश के मजदूरों के लिए बने हुए श्रम कानूनों का कड़ाई से पालन करा जाए। मजदूरों के हितों के विरुद्ध में जो श्रम कानूनों के बदलाव का प्रस्ताव है उसकों तत्काल वापस ले। मजदूरों का न्यूनतम वेतन 18 हजार निर्धारित किया जाय।
सार्वजनिक क्षेत्र में पूंजी निवेश की प्रक्रिया समाप्त किया जाय व पूर प्रदेश में ठेकेदार के माध्यम से नियमित कार्य कर रहे कर्मचारियों को नियमित किया जाय, समान कार्य के समान वेतन। एक उद्योग एक वेतन एक सी कार्यदशा के सिद्धान्त पर देश के सभी उद्योगों पर समान रूप से लागू किया जाए। जिनकी आर्थिक स्थिति बहुत दयनीय है उनके स्तर में सुधार लाया जाए।