कर्नाटक में हिजाब का मामला थमने के बाद यूपी से लेकर महाराष्ट्र तक लाउडस्पीकर पर कोहराम मचा हुआ है. इस बीच संगम नगरी प्रयागराज में सीबीएसई बोर्ड से संबद्ध एक स्कूल द्वारा बच्चों को कुर्ता-पजामा व टोपी पहनने के फरमान से नया विवाद खड़ा हो गया है. स्कूल की महिला प्रिंसिपल डॉ बुशरा मुस्तफा के खिलाफ कीड़गंज थाने में गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करा दिया गया है. यह मुकदमा विश्व हिंदू परिषद के काशी प्रांत मंत्री लालमणि तिवारी की तहरीर पर दर्ज हुआ है. न्याय नगर पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल मुस्तफा के खिलाफ आईपीसी की धारा 295 ए व 153 ए के साथ ही आईटी एक्ट 2008 की धारा 67 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
ये था पूरा मामला
बहरहाल, मुकदमा दर्ज कराने वाले विहिप नेता लालमणि तिवारी का आरोप है कि स्कूल द्वारा बच्चों को जबरन धर्म विशेष के लिए संदेश देने के लिए फरमान जारी किया गया है. इससे धार्मिक भावनाएं भड़काने के साथ ही सामाजिक सौहार्द भी खराब होने का खतरा था. सीबीएसई बोर्ड द्वारा झूंसी के हवेलियां में संचालित न्याय नगर पब्लिक स्कूल की ओर से ईद के पहले एक संदेश जारी किया गया था. इस संदेश में स्कूल में पढ़ने वाले छोटे बच्चों को कुर्ता-पजामा पहन कर और ईद की टोपी लगाकर हैप्पी ईद बोलने का 20 सेकंड का वीडियो रिकॉर्ड करने को कहा गया था और लड़कियों को भी सलवार कुर्ता और दुपट्टा सिर पर रखकर हैप्पी ईद बोलने का वीडियो रिकॉर्ड करने को कहा गया था.
ईद पर मुस्लिम ड्रेस पहनने का दिया था फरमान
स्कूल में एक्टिविटी के नाम पर 20 सेकंड का वीडियो बनाकर स्कूल के व्हाट्सएप ग्रुप में अपलोड करने को कहा गया था. इसके पीछे तर्क दिया गया था कि इसके बदले बच्चों को कुछ अंक भी परीक्षा में दिए जाएंगे. कई अन्य स्कूलों ने स्कूल के इस विवादित फरमान का विरोध किया था कि बच्चों की धार्मिक पहचान वाली टोपी पहनने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता. इस मामले के तूल पकड़ने पर प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग उठी थी. इसके बाद यह मामला दर्ज कराया गया है.
वहीं, शिकायत दर्ज कराने वाले विहिप नेता लालमणि तिवारी का कहना है कि देश संविधान से चलता है शरीयत से नहीं, इसलिए किसी भी संस्थान में इस तरह के कार्य की इजाजत नहीं दी जा सकती. इस पूरे मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद एसएसपी अजय कुमार का कहना है कि एफआईआर के आधार पर मामले में जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि अगर स्कूल का मकसद गलत पाया जाता है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि इसके पहले प्रिंसिपल ने कहा था कि सभी धर्म के त्यौहार व राष्ट्रीय पर्व पर बच्चों से इस तरह की एक्टिविटी कराई जाती है, लेकिन शिकायतकर्ता विहिप नेता लालमणि तिवारी का कहना है कि 3 मई के दिन अक्षय तृतीया और परशुराम जयंती भी थी, तो उन त्योहारों के लिए किसी तरह का संदेश बच्चों से नहीं मांगा गया था.
हालांकि एक न्यूज़ चैनल से फोन पर हुई बात में प्रिंसिपल ने अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत बताया है और शांति की अपील की है.उन्होंने इसे केवल एक एक्टिविटी बताते हुए इसे तूल न देने की बात कही है. स्कूल में सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएं आयोजित होने के चलते उन्होंने मीडिया से बात करने से भी इंकार कर दिया.
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