आरटीआई में हुआ खुलासा, घोटाले की फाइल को दबाए बैठे रहे उच्च अफसर

लखनऊ–भारत सरकार की गाइडलाइन व शासनादेशों की अनदेखी कर अपात्र ग्राम पंचायतों को परफॉर्मेंस ग्रांट प्रदान करने के प्रकरण में अभियोग पंजीकृत करने के निर्देश दिए हैं।

एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर ने आरोप लगाया है कि प्रदेश सरकार ग्राम पंचायतों को अनियमित रूप से परफोर्मेंस ग्रांट की धनराशि देने के मामले में बड़े अफसरों को जानबूझ कर बचा रही है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजे पत्र में नूतन ने कहा कि एसपी, विजिलेंस राम किशुन द्वारा तत्कालीन प्रमुख सचिव सतर्कता अरविन्द कुमार को भेजे पत्र दिनांक 11 जुलाई 2019 में पूर्व निदेशक अनिल कुमार दमेले तथा विजय किरण आनंद के खिलाफ भी धारा 409, 120बी आईपीसी व 13(1)(सी) तथा 13(1)(डी) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में मुक़दमा दर्ज करने की संस्तुति की गयी थी।

नूतन ने कहा कि विजिलेंस की संस्तुति के विपरीत शासन ने अपने पत्र द्वारा मात्र कनिष्ठ अधिकारी उपनिदेशक गिरीश चन्द्र रजक तथा रमेश यादव, अपर निदेशक राजेंद्र सिंह एवं शिव कुमार पटेल तथा मुख्य वित्त अधिकारी केशव सिंह के विरुद्ध मुक़दमा दर्ज करने की अनुमति दी। साथ ही शासन ने धारा 13(1)(सी) तथा 13(1)(डी) के स्थान पर मात्र धारा 13(1)(ए) में कार्यवाही को कहा, जिसके आधार पर सतर्कता अधिष्ठान ने 22 नवम्बर 2019 को मात्र कनिष्ठ अफसरों के खिलाफ थाना अलीगंज में मुक़दमा लिखवाया।

बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पंचायतीराज विभाग के पूर्व निदेशक अनिल कुमार दमेले सहित 12 जिलों के अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।

scam file
Comments (0)
Add Comment