लखनऊ — उत्तर प्रदेश के 16 नगर निगम, 198 नगरपालिका और 438 नगर पंचायतों के चुनाव की मतगणना का रिजल्ट आ चुका है। इस बार प्रदेश की राजधानी का 100 साल का वनवास खत्म हुआ है और मेयर की सीट पर एक महिला ने कब्जा जमा लिया है। नगर निगम चुनाव में बीजेपी की पहली महिला मेयर संयुक्ता भाटिया बनी हैं।
बता दें कि 2012 में 12 शहरी निकायों के चुनाव हुए थे। इस बार चार निकायों में पहली बार चुनाव हुए। इस तरह 16 निकायों में यूपी के कुल 3.36 करोड़ लोगों ने वोट डाले। वोटिंग तीन फेज में 22, 26 और 29 नवंबर को हुई। कुल 53% मतदान हुआ।
आपको बता दें कि 2017 के नगर निकाय चुनाव में संयुक्ता भाटिया भाजपा की मेयर कैंडिडेट थी। संयुक्ता को टक्कर देने के लिए समाजवादी पार्टी ने मीरा वर्धन को मैदान में उतारा था। लखनऊ में मेयर पद के लिए बहुजन समाजवादी पार्टी ने बुलबुल गोडियाल और कांग्रेस ने प्रेमा अवस्थी को अपना प्रत्याशी बनाया था। भाटिया ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी मीरा वर्धन को 1,31,356 वोटों से मात दी।दरअसल, इस बार लखनऊ मेयर की सीट महिला प्रत्याशी के लिए आरक्षित थी। इसी वजह से सभी दलों से महिला प्रत्याशी ही मैदान में उतारे थे। विजय श्री मिलने बाद भाटिया ने सफाई और ट्रैफिक व्यवस्था सही करने को अपनी प्राथमिकता बताते हुए कहा कि इससे ज्यादा वोट पाने की उम्मीद थी। यदि वोटर लिस्ट में गड़बड़ी नहीं होती तो और बड़ी जीत हासिल होती। पूर्व मेयर और उप मुख्यमंत्री डा दिनेश शर्मा की तारीफ करते हुए भाटिया ने कहा कि उन्होंने काफी काम किए हैं, अब उन्हीं के कामों को आगे बढ़ाऊंगी। उन्हीं के पद चिन्हों पर आगे चलूंगी। महिलाओं की सुरक्षा के लिए सारे जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
आपको बता दें, कि संयुक्ता भाटिया के परिवार की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से नजदीकी मानी जाती है। उनके पति सतीश भाटिया लखनऊ कैंट से सन 1991 में भाजपा से ही विधायक रह चुके हैं। 2012 में भी संयुक्ता के पार्टी से मेयर प्रत्याशी घोषित होने की अटकलें लगाई जा रही थी। जानकारों का कहना है कि उनका नाम लगभग तय हो गया था। पर अंत में पार्टी हाईकमान ने मेयर प्रत्याशी के तौर पर डा दिनेश शर्मा के नाम पर मुहर लगा दी थी। उन चुनावों में डा शर्मा को जीत भी मिली।