छत्तीसगढ़ में आयोजित धर्म संसद के मंच से महाराष्ट्र के कालीचरण महाराज ने महात्मा गांधी के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया। उन्होंने मंच से गोडसे का धन्यवाद करते हुए कहा कि इस्लाम का मकसद राजनीति से राष्ट्र पर कब्जा करना है। उन्होंने आगे कहा कि 1947में दो कब्जे हमारे सामने हुए और कैसे राजनीति से पाकिस्तान और बांग्लादेश बना दिया गया। धर्म संसद में राजनीतिक बातों से राज्य की राजनीति में बवाल मच गया है।
कालीचरण महाराज ने महात्मा गांधी पर की अभद्र टिप्पणी:
दरअसल, छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में हो रहे धर्म सभा में संत कालीचरण महाराज ने मोहनदास करमचंद गांधी ने उस समय देश का सत्यानाश किया। नमस्कार है नाथूराम गोडसे को, जिन्होंने उन्हें मार दिया। वही इस कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक और राज्य गोसेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास ने इस बयान का विरोध करते हुए मंच छोड़ दिया। उसके बाद भी कालीचरण नही रुके और नाथूराम गोडसे को दोनों हाथ जोड़कर नमस्कार करने लगे तो भीड़ जय श्रीराम के नारे लगाकर तालियां बजाने लगी।
कार्यक्रम के आयोजकों ने किया खंडन:
धर्म संसद के आयोजक नीलकण्ठ सेवा संस्थान के अध्यक्ष नीलकण्ठ त्रिपाठी ने बताया कि धर्म संसद का आयोजन धर्म को लेकर चिंतन के लिए किया गया था। कालीचरण महाराज की ओर से कहे शब्द का वो खंडन करते हुए साधु-संतों ने भी टिप्पणी पर एतराज जताते हुए कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया।
महंत रामसुंदर दास ने अभद्र टिप्पड़ी पर जताई नाराजगी:
गोसेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास ने कालीचरण के आपत्तिजनक बयान पर नाराजगी जताते हुए कहा कि मैं इस कार्यक्रम से ताल्लुक नहीं रखता। उन्होंने भड़के हुए लहजे में साफ तौर पर कहा कि मंच से महात्मा गांधी को गाली दी गई है और हम इसका विरोध करते हैं। यह सनातन धर्म नहीं और ना ही धर्म संसद के मंच पर इस तरह की भाषा का प्रयोग होना चाहिए।
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