हरदोई–जिले के ब्लॉक सांडी में स्थित है 7 किलोमीटर क्षेत्रफल में हजारों वर्ष पुरानी सांडी पक्षी विहार की दहर झील। इस झील में सात समंदर पार करके हर साल अलग-अलग तरीके की लगभग 195 किस्म के पक्षी विचरण करने के लिए आते हैं।
जिनमें साइबेरियन ,अफ्रीकन व विश्व के अलग-अलग क्षेत्रों से आने वाले पक्षियों की अद्भुत प्रजातियां शामिल होती हैं। हरदोई के सांडी में स्थित यह पक्षी विहार हरदोई के लिए बेहद महत्व रखता है। इसी को देखते हुए हरदोई के जिलाधिकारी पुलकित खरे ने इसके महत्व को देखते हुए 3 से 5 फरवरी के बीच सांडी पक्षी विहार महोत्सव करने की योजना बनाई है जिसमें पक्षी वैज्ञानिक के अलावा अनेको लोग आ रहे हैं |
सर्दी की शुरुआत से आने वाले यह पक्षी यहां पर कई महीनों तक प्रवास करते हैं। इस दौरान इनके कलरव से सांडी पक्षी विहार गुंजायमान रहता है। जिनसे आकर्षित होकर विश्व के अलग-अलग क्षेत्रों से पक्षी पर्यटन में रुचि रखने वाले रिसर्च करने वाले वैज्ञानिक अन्य लोग इस जगह पर आया करते हैं।
प्रकति के गर्भ में सैकड़ो बीघे में फैली यह झील लाखो पक्षियों को अपनी गोद में शरण देती है!और यहाँ का सांडी पक्षी बिहार यहाँ आए अनेको पक्षियों की रक्षा करने में द्रढ संकल्प है और आस पास के गाव वाले भी इन पक्षियों को कभी कोई हानि नही पहुचाते। इस पक्षी विहार में साइवेरिया लद्दाक और श्री लंका और अन्य जगह से करीब पचास से ज्यादा पछियों की प्रजातिया सांडी पच्छी विहार में आ जाती है। इस पक्षी बिहार के आस पास लुप्त प्राय सारस जैसे पक्षी दिखाई दे जाते है। यह पक्षी विहार भारत में पहले स्थान पर है।
(रिपोर्ट – सुनील अर्कवंशी , हरदोई )