कोरोना के प्रकोप के बीच राजस्थान की गहलोत सरकार अपने कार्मचारियों को बड़ा देने की तैयारी कर रही. सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक सरकार एक बार फिर IAS से लेकर चतुर्थ श्रेणी तक के कर्मचारियों का 1 दिन का वेतन कट सकता है.
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बताया जा रहा है कि कोरोना काल तक हर महीने एक दिन के वेतन में कटौती होगी. राज्य सरकार पूर्व में भी कर्मचारियों का वेतन काट चुकी है. काटे गए वेतन के अंश को सीएम रिलीफ फंड में जमा कराया गया था.
मुख़्य सचिव निरंजन आर्य ने दिए संकेत
दरअसल वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख़्य सचिव निरंजन आर्य ने गुरुवार को आयोजित बैठक में कर्मचारी संघ के नेताओं को कोरोना संकट के हालात बारे में बताया. आर्य ने कहा कि कोरोना संकट के चलते सरकार को कई तरह की व्यवस्था करनी पड़ी है. जबकि सरकार की माली हालत पहले ही खराब है. ऐसे में सरकारी कर्मचारियों को यदि वेतन कम मिले तो इसमें उनका सहयोग जरूरी है.
कर्मचारी नेता गजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार कोरोना के कारण सभी कर्मचारियों का 1 दिन का वेतन काटना चाहती है तो सभी कर्मचारी जनहित में अपना वेतन कटवाने के लिए तैयार हैं. संकट की घड़ी में कर्मचारी संगठन राज्य सरकार के साथ हैं. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पांचवीं अनुसूची के तहत जो वेतन कटौती हो रही है, उसे वापस लिया जाए. नेताओं ने कहा कि इसे लागू करने के बाद यदि कटौती जैसा कदम उठाया जाता है तो कर्मचारी संघ सरकार का सहयोग कर सकते हैं.
राजस्थान में कोरोना के 66 हजार से ज्यादा मामले
गौरतलब है कि प्रदेश में कोरोना लगातार बेकाबू होता जा रहा है. दिन प्रतिदिन प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. प्रदेश में अब तक कोरोना के 66 हजार से ज्यादा केस आ चुके हैं और करीब नौ सौ से ज्यादा लोग इसके कारण अपनी जान गवां चुके हैं. सियासी संकट से उबरने के बाद सरकार का अब पूरा फोकस कोरोना को नियंत्रित करने पर है.
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