जरायम की दुनिया मे शामिल हो रहे होनहार, धावक व डिप्लोमाधारी गिरफ्तार

प्रतापगढ़ — प्रतापगढ़ जंक्शन के बाहर बीती आठ तारीख को बलिया के मनोज चौरसिया की हुई हत्या और लूट का आईजी प्रयागराज मोहित अग्रवाल ने प्रेसवार्ता कर चौकाने वाला खुलासा किया।

बताया जा रहा है कि हत्या 8 से 10 लाख रुपये होने की सूचना पर की गई थी। हत्या के बाद लुटेरे बैग लेकर फरार हो गए यहीं नहीं इस हत्याकांड के तार जिला कारागार से जुड़े है।फिलहाल लूट में शामिल 4 लुटेरो पुलिस ने गिरफ्तार कर वारदात का खुलास किया। 

इस पूरी वारदात को मंडलीय धावक और पॉलिटेक्निक डिप्लोमा धारी युवक शामिल थे। बताया जाता है कि जेल में बंद बाबर को पैसे की जरूरत को पूरी करने के लिए उसके मित्र सेबू ने साजिश रची थी और रुपयों का बैग छीनने की कोशिश में सेबू ने ही मनोज के सीने और खोपड़ी में 3 गोलियां उतारी थी।

गिरफ्तार अमरेश त्रिपाठी ने पुलिस को बताया कि मैं सेबू और अभिनव पांडेय ने वारदात को अंजाम दिया था। एक असलहा और कारतूस यशस्वी त्रिपाठी जो पालीटेक्निक डिप्लोमाधारी है ने उपलब्ध कराया और एक पिस्टल सेबू लेकर आया था। दरअसल मंडल स्तरीय धावक रणजीत सिंह यशस्वी और  नितेश सिंह ने दूसरी बाइक से कवरिंग दी और अमित पटेल ने पान दरीबा से तहसील तक पीछा करके सूचना देने का काम किया। लूट में 1लाख 36हजार रुपये मिले थे।

बता दे कि बीती रात नगर कोतवाली के जेलरोड नहर की पुलिया से 4 लुटेरो को स्वाट टीम नगर कोतवाली की संयुक्त कार्यवाई में गिरफ्तार किया गया। पुलिस का दावा है कि दोनों बाइकों से किसी की हत्या को सभी बाइक पर सवार होकर जा रहे सामने पुलिस देखकर भागते समय दोनों बाइकों के आपस मे टकरा कर गिर जाने पर पुलिस पर फायर करते हुए सेबू और अभिनव भागने में कामयाब हो गए तो वही अमरेश त्रिपाठी, रणजीत सिंह, यशस्वी त्रिपाठी और नितेश सिंह गिरफ्तार हो गए जिन्हे जेल भेज दिया गया।

गौरतबल है कि अपराध से जूझ रहे जिले में होनहार प्रतिभाएं भी जरायम की दुनिया कदम रखने का मामला सामने आया है जो चिंता का विषय है। इसके लिए कही न कही सरकार भी दोषी है जिले में कोई उद्योग न होना और रोजगार का अभाव ही वो कारण खुल कर पहली बार सामने आया है जिसके चलते अच्छी शिक्षा और काबिलियत के बावजूद अपराध की दुनिया मे हाथ आजमाने को मजबूर हो रहे है युवा। आखिर इसका हल कब निकलेगा कैसे रुकेगा अपराध जब रोजगार के अवसर ही नही होंगे।

(रिपोर्ट-मनोज त्रिपाठी,प्रतापगढ़)

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