महोबा –उत्तर प्रदेश के महोबा जिले भर में ई- नीलामी के जरिये आवंटित बालू खदानों में पनवाड़ी थाना क्षेत्र के पहाड़पुरा गाँव की एकमात्र खदान आजकल जिले भर में सुर्खियों में है। कारण जो भी हो लेकिन एक बात तो साफ है कि सत्ता की हनक और चाँदी की जूती के बलबूते पर
बालू माफिया नियम कानूनों को अपनी जेब में रखे हुए हैं और नदी में खुलेआम एलएनटी और जेसीबी मशीनों से बालू खनन हो रहा है।
आपको बता दें कि जिले के पनवाड़ी थाना क्षेत्र के पहाड़पुरा खदान में सरकारी मानकों व एनजीटी के निर्देशों को ताक पर रख बालू खनन का सिलसिला बदस्तूर जारी है। दिन-रात एलएनटी और जेसीबी मशीनों से नदी का सीना छलनी किया जा रहा है।जिसमें कहीं न कहीं सत्ता की हनक और गुलाबी गाँधी की चमक शासन-प्रशासन पर हावी दिखाई दे रही है।
दिलचस्प बात तो यह है कि सरकार ,हाइकोर्ट और एनजीटी के लाख प्रयासों के बावजूद अवैध खनन का खेल नहीं रुक पा रहा है और ये कहना भी अतिशियोक्ति न होगी कि “योगी सरकार” पर बालू माफिया भारी पड़ रहे है। क्योंकि कल तक ईमानदारी और स्वच्छ राजनीति का ढिंढोरा पीटने वाले भाजपाई सत्ता आते ही खुद मलाई काटने में लग गए हैं।
बड़ा सवाल तो यह भी है बालू माफिया तो लाल सोने के काले कारोबार से मालामाल हो रहे हैं। लेकिन बड़े पैमाने पर चल रहे अवैध खनन से बिगड़े प्राकृतिक असंतुलन के चलते आने वाली आपदाओं की कीमत तो भुखमरी की कगार पर खड़े बुन्देलखण्ड के किसानों को ही चुकानी पड़ेगी।
(रिपोर्ट-तेज प्रताप सिंह,महोबा)