न्यूज डेस्क — पश्चिम बंगाल में जारी राजनीतिक हिंसा का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार को भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ता के शव पेड़ से लटके मिले।
भाजपा कार्यकर्ता समातुल दोलुई के शव को हावड़ा के सरपोता गांव के लोगों ने खेतों में पेड़ से लटका हुआ पाया। भाजपा नेताओं और दोलुई के परिवार ने इसका आरोप तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर लगाया है।
वहीं हावड़ा (ग्रामीण) के भाजपा अध्यक्ष अनुपम मलिक ने कहा, ‘दोलुई भाजपा का एक सक्रिय सदस्य था और लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी को उसने अपने बूथ से बढ़त दिलाई थी। अपने इलाके में ‘जय श्री राम’ की रैली निकालने के बाद से ही उसे जान से मारने की धमकियां मिल रही थी। टीएमसी के असमाजिक तत्वों ने लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद उसके घर में तोड़-फोड़ की थी।’
दोलुई के शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाते समय कुछ बदमाश उसे छीनने की कोशिश कर रहे थे। जिसका कुछ गांव वालों ने विरोध किया और जिला प्रशासन से रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की तैनाती करने के लिए कहा। इससे एक दिन पहले आरएसएस के वरिष्ठ नेता स्वदेश मन्ना भी अत्चाता गांव में पेड़ से लटके हुए मिले थे। मन्ना पिछले कुछ दिनों से जय श्री राम की रैलियां निकाल रहे थे।
वहीं तृणमूल के विधायक पुलक रॉय ने इन हत्याओं में अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं का हाथ होने से इनकार किया है। उन्होंने कहा, ‘भाजपा हमें शर्मिंदा करना चाहती है। लेकिन हमारा कोई भी कार्यकर्ता इसमें शामिल नहीं है।