सोनभद्र — जिले में बालू और पत्थर खननकर्ताओं तथा क्रशर संचालको द्वारा पर्यावरण को व अन्य कुप्रभावों को दूर पूर्व व्यवस्था कायम करने लिए भारतीय समाजिक न्याय मोर्चा के अध्यक्ष चौधरी यशवंत सिंह की याचिका पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने एक त्रिस्तरीय कमेटी गठित किया था जिसने 55 करोड़ रुपये की क्षति होने की रिपोर्ट सौपा है।जिस पर एनजीटी ने दोनों पक्षो के विचारों को सुना और पर्यावरण को क्षति पहुचाने वालो से 53 करोड़ 75 लाख रुपये वसूल करने का निर्देश दिया है।
इस सम्बंध में याचिकाकर्ता ने बताया कि एनजीटी ने एक त्रिस्तरीय कमेटी का गठन किया ,जिसमे उप जिलाधिकारी जनेन्द्र सिंह , क्षेत्रीय निदेशालय केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड लखनऊ के साइंटिस्ट राजेन्द्र डी पाटिल एवं उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सोनभद्र के क्षेत्रीय अधिकारी राधेश्याम शामिल रहे। इस कमेटी ने एनजीटी के निर्देशों का पालन करने के लिए बैठक कर चर्चा किया।
इस सम्बंध में चौधरी यशवंत सिंह और अधिवक्ता अभिषेक चौबे ने बताया कि कमेटी द्वारा एनजीटी में दी गयी रिपोर्ट के अनुसार तीन बालू साइटों खोखा , हर्रा , बरहमोरी एवं खेबन्धा से 49 करोड़ वसूली करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही बालू साइटों के पर्यावरण सम्बन्धी एवं अन्य अनुमतियों को निरस्त करने का सुझाव देने के साथ ही खनन कर्ताओं द्वारा बरसात के मौसम में नदी के किनारे से बालू खनन करने के कारण क्षतिग्रस्त किनारों की मरम्मत कराने और कम्पनी से नदी की क्षतिपूर्ति अध्ययन कराने पर खर्च वास्ते 2 करोड़ की वसूली करने का सुझाव दिया है।इसके अलावा
16 किलोमीटर मार्ग के लिए अनुमानित लागत 24 करोड़ , हर्रा बरहमोरी खनन क्षेत्र के खनन कर्ताओं से दो किलोमीटर के निर्माण के लिए 3 करोड़ और खेबन्धा खनन क्षेत्र के खननकर्ताओं से 4 किलोमीटर मार्ग के निर्माण के लिए 6 करोड़ की वसूली करने का सुझाव दिया है।
वही सुकृत खनन क्षेत्र में संचालित पांच क्रशर संचालको से 4 करोड़ 75 लाख रुपये वसूल करने के लिए कमेटी ने एनजीटी को रिपोर्ट दिया है। इस प्रेसवार्ता में रामभरोसे सिंह , ज्ञानेश्वर श्रीवास्तव , सन्तोष कुमार पटेल , प्रदीप चौहान , पन्नालाल पटेल , राजेन्द्र गिरि , प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
(रिपोर्ट-रविदेव पाण्डेय,सोनभद्र)