न्यूज डेस्क — ट्रेनों में आये दिन हो रही लूट, चोरी और छिनैती की वारदातों ने दहशत फैला रखी है।वहीं रेलवे पुलिस ने ऐसे नेटवर्क का खुलासा किया जो ठेके पर ट्रेनों में लूटपाट की वारदात को अंजाम देते है,यहीं नहीं इनका रेट भी फिक्स होता है।
आंकड़ो पर गौर करे तो आगरा से दिल्ली तक एक माह (जुलाई) के भीतर 854 वारदातें हुईं हैं। अकेले मथुरा में ही 289 घटनाएं दर्ज की गईं हैं।जबकि तमाम मामले तो पुलिस रिकार्ड में आए ही नहीं हैं।
जानकारी के मुताबिक 18 बदमाशों का एक ऐसा गिरोह प्रकाश में आया है, जो <>आगरा से दिल्ली और मथुरा से कोटा रूट पर चलती ट्रेनों में ठेके पर लूटपाट की वारदातों को अंजाम दे रहे है।यहीं नहीं इसका बाकायदा रेट भी फिक्स कर रखे हैं। इन बदमाशों को चेन छीनने पर 10 हजार रुपये दिए जाते हैं।
वहीं छिने पर्स में मिलने वाली रकम में से चालीस फीसदी बदमाश का हिस्सा होता है बाकी सरगना का।एक यात्री से लूट का अलग पैसा तय है जबकि दो से लूट करने का अलग। खास बात यह है कि इस गिरोह के बदमाश प्लेटफार्म पर मालदार पैसेंजरों की तलाश में लग जाते हैं।वहीं से टारगेट तय हो जाता है। यहीं से बदमाश उस कोच में पहुंच जाते हैं जहां से पैसेंजर चढ़ते हैं।
बता दें कि इस गिरोह का सरगना प्रदीप और सतीश गुर्जर हैं। इन लोगों ने फुर्तीले लड़कों को भी गिरोह में शामिल कर रखा है। रेलवे पुलिस ने बताया कि इस गिरोह की तलाशा जा रहा है।
चलती ट्रेन से लगा देते छलांग
दरअसल इस गिरोह के बदमाश चलती ट्रेनों में सवार होने और छलांग लगाने में माहिर होते हैं। पचास से साठ की रफ्तार वाली ट्रेन से भी कूद जाते हैं। गिरफ्तार बदमाशों ने बताया कि शुरुआत में एक दो बार चोट लगी लेकिन अब कुछ पता नहीं चलता। उनके कभी चोट नहीं लगी। आमतौर पर आउटर के आसपास ही वह लोग ट्रेन से कूदते हैं।
लूटपाट के दौरान हुई थी मां-बेटी की मौत
बता दें कि तीन जुलाई को निजामुद्दीन तिरुवनंतपुरम सेंट्रल सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन में लूट के दौरान हुई मां-बेटी की मौत की घटना के खुलासे में लगी रेलवे पुलिस को पांच बदमाशों की गिरफ्तारी से एक ऐसा नेटवर्क हाथ लगा है, जिससे अफसर खुद हैरान हैं। यह गिरोह बदमाशों को बाकायदा फीस देकर ट्रेन लुटवाता है।