बस्ती — शासन के निर्देश पर बालू खनन के दो ठेके को जिला अधिकारी ने किया निरस्त कर दिया।यहां ठेकेदारों की मिलीभगत के कारण सरकार को हर साल लगभग तीन सौ करोड़ रुपये के राजस्व का घाटा हो रहा था।
बता दें कि बस्ती जिले के दुबौलिया थाना क्षेत्र के बसावनपुर गांव और विक्रमजोत के सीतारामपुर गांव में बालू खदान का पट्टा ( ठेका ) जिला अधिकारी अरविंद कुमार सिंह ने निरस्त कर दिया। जब कि कुछ दोनों पहले ही इन स्थानों का टेंडर हुआ था ।
आरोप है कि ठेकेदार आपस में मिलकर कम बोली लगाते थे।जिससे पट्टा कम दमों में उठ जाता था, यही कारण है कि सरकार को करोड़ो रुपये के राजस्व की हानि होती थी।इस मामले में जिलाधिकारी अरविंद कुमार सिंह शासन को पत्र लिखा और अपने स्तर से जांच कराई तब यह चौकाने वाला मामला सामने आया।डीएम ने मुख्यमंत्री योगी को पूरे मामले की जानकारी दी और सीएम के निर्देश पर डीएम ने दोनों खदान का टेंडर निरस्त कर दिया ।
वहीं इस मामले में जिलाधिकारी ने बताया कि सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा था इसीलिए यह टेंडर शासन के निर्देश पर निरस्त किया गया है। इस टेंडर से सरकार को प्रति वर्ष लगभग चार करोड़ रुपए का राजस्व हानि हो रहा था। इन दोनों खदान का ठेका 5 साल के लिए हुआ था, जिससे सरकार क 5 साल में लगभग 15 सौ करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा था।
फिलहाल मुख्यमंत्री के निर्देश पर यह कार्यवाही की गई टेंडर खदान की निरस्त कर पुनः टेंडर करने को निर्देश दे दिया गया है। यह पूछे जाने पर क्या इन ठेकेदारों के खिलाफ कोई कार्यवाही की जाएगी तो उन्होंने कहा कि अभी कुछ जांच हो रही है जांच प्रक्रिया पूरी हो जाने पर जो कानूनी कार्रवाई होगी वह किया जाएगा ।वहीं इस कार्यवाही से ठेकेदारों में हड़कंप मचा हुआ है ।
रिपोर्ट-अमृत लाल,बस्ती