बाराबंकी — जिले के पीड़ित फरियादी क्या जिले के जिम्मेदार बड़े अधिकारियों से मिलकर अपनी समस्या बता पा रहे है और क्या ये अधिकारी अपने दफ्तर में 9 से 11 बजे तक बैठकर इन फरियादियों की फरियाद सुन उन्हें इंसाफ दिला रहे है।
यही हकीकत जानने के लिए हमारे संवाददाता ने आज जिलाधकारी कार्यालय एसपी कार्यालय और अपर जिलाधकारी कार्यालय सहित पास के आबकारी विभाग का भी रियल्टी टेस्ट किया जहां डीएम उदय भानु त्रिपाठी , एसपी डॉ सतीश कुमार , एडीएम संदीप गुप्ता फरियादियों की फरियाद सुनने के लिए 9 बजे ही बैठ गए लेकिन जिले के पहुंचने वाले पीड़ित फरियादी नदारत दिखे। जहां एसपी ,डीएम और एडीएम तो अपने अपने कार्यालय में 9 बजे बैठ गए थे लेकिन फरियादी एक भी नही आये। हालांकि जब तक फरियादी कार्यलायों तक पहुंचते है तब तक अधिकारी अपनी कुर्सी से उठ चुके होते है।
दरअसल पहला वक्या बाराबंकी के जिलाधकारी कार्यालय का जहां डीएम उदय भानु त्रिपाठी और उनके अतिरिक्त अधिकारी कार्यालय में बैठे फरियादियों के आने का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन कोई भी फरियादी अभी तक कार्यालय अपनी शिकायत लेकर नही पहुँच पाया। जबकि डीएम साहब शिकायत करने वालों के इंतजार में 9 से 11 बजे तक बैठे रहे हालांकि इस दौरान 2 से 3 शिकायत डीएम साहब के पास पहुंच गई ।
दूसरा वक्या अपर जिलाधकारी कार्यालय का हैं जहां एडीएम संदीप गुप्ता अपने सहयोगी अधिकारी के साथ तो दिखे लेकिन उनके कार्यालय में भी कोई फरियादी अपनी फरियाद लेकर नही आया।
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तीसरा वक्या पुलिस अधीक्षक बाराबंकी कार्यालय का हैं। जहां एसपी सतीश कुमार अपने कार्यालय में 9 बजे ही बैठ गए थे।लेकिन कोई फरियादी यहां भी अपनी शिकायत लेकर नही पहुंच पाया।जबकि घड़ी में 10:30 बज चुके थे लेकिन एसपी से शिकायत करने वाले फरियादी नदारत हैं। हालांकि एसपी कार्यालय में रायबरेली के बछरावां बीजेपी विधायक रामनरेश रावत जरूर सुबह-सुबह पहुंचे हुए थे।
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अब सवाल हैं की योगी सरकार के आदेशानुसार जिले के ये बड़े अधिकारी इस कड़कड़ाती ठंठ में सुबह-सुबह 9 बजे से लेकर 11 बजे तक तो बैठ जा रहे है। लेकिन जिन फरियादियों के लिए ये अधिकारी बैठते हैं वो ही कार्यालय तक नही पहुँच पाते 11 बजे तक पहुचने में परेशानी का सामना करते है ?
कारण हैं फरियादी जब सुबह-सुबह किसी तरह अपने घर से निकल कर जल्दबाजी करते हुए जिला मुख्यालय एसपी डीएम और एडीएम कार्यालय तक पहुच भी जाते हैं तो ये योगी जी के आदेशानुसार कभी-कभी 11 बजे तक उठ भी जाते हैं जिससे फरियादी मायूस होकर लौट आते है और उनकी समस्याओं पर कुछ नही होता हैं।
(रिपोर्ट – सतीश कुमार कश्यप, बाराबंकी)