भाजपा के दिग्गज नेताओं में शुमार शाहनवाज हुसैन की मुश्किले कम होने का नाम नहीं ले रही है। शाहनवाज पर अब एक और मुसीबत टूट पड़ी है। दिल्ली हाईकोर्ट ने भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन के खिलाफ रेप का केस दर्ज करने का आदेश दिया है। दिल्ली निवासी वाली महिला ने जनवरी 2018 में लोअर कोर्ट में एक याचिका दायर कर हुसैन के खिलाफ रेप का केस दर्ज कराने की अपील की थी। महिला ने आरोप लगाया था कि शाहनवाज हुसैन ने छतरपुर फार्म हाउस में उसके साथ रेप किया। इसके बाद उसे जान से मारने की धमकी दी। शाहनवाज हुसैन ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है।
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हुसैन पिछले कुछ समय से लगातार चर्चाओं में है। पहले बिहार में सत्ता परिवर्तन होने से उनका राजनीति कद कम हुआ, उसके बाद 17 अगस्त को भाजपा ने भाजपा ने केंद्रीय चुनाव समिति की लिस्ट जारी की। इसमें से शाहनवाज हुसैन को बाहर कर दिया गया। अब रेप के मामले ने उनकी राजनीतिक रसूख पर आंच ला दी है।बता दें कि शाहनवाज हुसैन बिहार से MLC हैं। वे बिहार में जदयू-बीजेपी गठबंधन सरकार में मंत्री भी थे। वे अटल बिहार सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे। हुसैन तीन बार सांसद भी चुने गए।
कोर्ट ने 3 महीने में जांच पूरी करने को कहा
दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस को शाहनवाज हुसैन के खिलाफ रेप समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच 3 महीने में पूरी करने को कहा है। दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस आशा मेनन की बेंच ने कहा कि तथ्यों को देखने के बाद साफ होता है कि इस मामले में पुलिस ने जानबूझकर FIR दर्ज नहीं की। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि पुलिस ने निचली अदालत में अंतिम रिपोर्ट भी पेश नहीं की। हालांकि निचली अदालत में पुलिस ने तर्क दिया था कि शाहनवाज के खिलाफ रेप का मामला नहीं बनता है। हालांकि निचली अदालत ने पुलिस के इस तर्क को खारिज कर दिया था। अदालत ने इसे संज्ञेय अपराध माना।
इससे पहले हाईकोर्ट सुनवाई तक लगाई थी रोक
इससे पहले हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई तक आदेश को रोक दिया था। ट्रायल कोर्ट ने महिला का शिकायत पर दिल्ली पुलिस को केस दर्ज करने को कहा था। इस पर हाईकोर्ट ने कथित रेप पीड़िता और दिल्ली पुलिस का नोटिस देकर जवाब मांगा था। हुसैन ने ट्रायल कोर्ट के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। तब हुसैन की ओर से सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ लूथरा ने तर्क दिया था कि इन आरोपों में कोई दम नहीं है। लिहाजा ट्रायल कोर्ट के आदेश को खारिज किया जाना चाहिए। दरअसल, महिला का भाजपा नेता के भाई से विवाद चल रहा है। इसी को लेकर हुसैन को बेवजह मामले में घसीट लिया गया।
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