फर्रुखाबाद–प्रदेश में बनारस जेल के बाद जिला जेल फर्रुखाबाद में लगभग पांच दिनों से जेल में चल रही राम लीला जनपद में चर्चा का विषय बनी हुई है।आपराधिक मानसिकता के लोगों में अध्यात्म की गंगा बहाने का काम किया जा रहा है।
जिसके चलते यह जिला जेल में पहली अनोखी पहल है।जो बंदियों में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करेगी। 13 अक्टूबर को जिला जेल के अधीक्षक विजय विक्रम सिंह ने फीता काटकर रामलीला का शुभारम्भ किया था।जिसके बाद रामलीला प्रभु श्रीराम के जन्मोत्सव से लेकर उनके सीता जी के साथ विवाह तक पंहुची।रामलीला देखने के लिये बंदी बड़े लगन देखते हुए आनन्द ले रहे है। राम के वनवास का प्रंसग बन्दियो द्वारा किया गया। इसके साथ ही साथ रामलीला में मंचन भी बंदी कर रहे है।केवल बाहर से कुछ साजो सज्जा का सामान मंगाया गया हर रामलीला का सामान व ड्रेस जेल में उपलब्ध है। आपराधिक मानसिकता वाले बंदियों के बीच आध्यात्मिक मानसिकता भरने का यह काम यूपी भर की जेलों में नया है।
जिस तरह से सेन्ट्रल जेल में जन्माष्टमी पर झांकी लोगो को अपनी तरफ आकर्षित करती है।उसी प्रकार रामलीला यूपी भर की जेलों में केवल बनारस सेन्ट्रल जेल में खेली जाती है।इसके बाद जिला जेल फतेहगढ़ में रामलीला की शुरुआत जिला जेल अधीक्षक विजय विक्रम सिंह के द्वारा की गई।रामलीला का मंचन 20 अक्टूबर तक चलेगा।इसके बाद रावण दहन का कार्यक्रम होगा।
जिला जेल अधीक्षक ने बताया की जेल में रामलीला अपने आप में एक अनोखी बात है। इसे और बेहतर बनाने का प्रयास किया जायेगा।इस रामलीला में जो भी कलाकार है वह सभी किसी न किसी अपराध करने के बाद जेल में मुकदमे के दौरान सजा काट रहे है या जमानत न होने के कारण बन्द चल रहे है।उनका मानना है कि कितना बड़ा अपराधी क्यो न हो उसके अंदर किसी कोने में इंसानियत जिंदा होती है।उसी को बाहर लाने के लिए रामलीला का मंचन शुरू कराया है।रामचरित मानस की चौपाइयों पर कलाकार लीला खेलते हैं।आने वाले समय यह लीला पूरे देश मे प्रसिद्ध होगी।
(रिपोर्ट-दिलीप कटियार, फर्रूखाबाद)