रामनवमी (Ram Navami ) का पर्व 30 मार्च 2023 (गुरूवार) को धूमधाम से मनाया जाएगा। चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था। पूरे देश में मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव पर भव्य आयोजन होते हैं। श्रद्धालु भगवान श्रीराम की आराधना करते हैं। इस दिन मंदिरों में बड़ी संख्या में भक्त अपने आराध्य के दर्शन को पहुंचते हैं और भक्तिभाव के साथ उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। तो अगर आप भी भगवान श्रीराम की कृपा पात्र को आकांक्षी हैं तो रामनवमी (Ram Navami ) के दिन पूजा के दौरान श्रीराम स्तुति का पाठ जरूर करें।
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श्री राम चंद्र कृपालु भजमन हरण भव भय दारुणम।
नवकंज लोचन कंज मुखकर, कंज पद कन्जारुणम।।
कंदर्प अगणित अमित छवि नव नील नीरज सुन्दरम।
पट्पीत मानहु तडित रूचि शुचि नौमी जनक सुतावरम।।
भजु दीन बंधु दिनेश दानव दैत्य वंश निकंदनम।
रघुनंद आनंद कंद कौशल चंद दशरथ नन्दनम।।
सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारु उदारू अंग विभूषणं।
आजानु भुज शर चाप धर संग्राम जित खर-धूषणं।।
इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनम।
मम ह्रदय कुंज निवास कुरु कामादी खल दल गंजनम।।
छंद
मनु जाहिं राचेऊ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर सावरों।
करुना निधान सुजान सिलू सनेहू जानत रावरो।।
एही भांती गौरी असीस सुनी सिय सहित हिय हरषी अली।
तुलसी भवानी पूजि पूनी पूनी मुदित मन मंदिर चली।।
सोरठा
जानि गौरी अनुकूल सिय हिय हरषु न जाइ कहि।
मंजुल मंगल मूल वाम अंग फरकन लगे।।
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