लखनऊ–नेता प्रतिपक्ष श्री रामगोविंद चौधरी ने कहा है कि दुखी मजदूरों, किसानों और श्रमिकों की सेवा ही ईश्वर की सेवा है। अनियोजित, अचानक लाकडाउन से बेहाल लोगों की मदद ही वर्तमान माहौल का सर्वोत्तम कार्य है। यही समाजवादी पुरखों को वास्तविक श्रद्धाजंलि है।
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मजदूर बचाओ- देश बचाओ गुहार के अवसर पर अपने आवास पर श्री प्रमोद माली और सफाई कर्मी श्री पप्पू को सम्मानित करते हुए श्री रामगोविंद चौधरी ने कहा कि 17 मई को 1934 में आचार्य नरेंद्र देव, जयप्रकाश नारायण, डॉक्टर राममनोहर लोहिया, कमला देवी चट्टोपाध्याय, यूसुफ मेहर अली, अच्युत पटवर्धन, मीनू मसानी, अशोक मेहता, एस एम जोशी, एन जी गोरे और डॉक्टर फरीदुल हक़ अंसारी के नेतृत्व में कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी का गठन हुआ था। इसी दिन हमारे समाजवादी पुरखों ने आजादी के साथ समाजवादी राज की स्थापना का संकल्प लिया था।
इसी संकल्प के साथ अपने को जोड़ते हुए हम समाजवादियों ने आज जगह जगह अचानक, अनियोजित लाकडाउन में बेहाल लोगों की सेवा की और उन्हें सम्मानित किया। यह श्रम सम्मान कार्यक्रम भी इसी अभियान का हिस्सा है। इस श्रम सम्मान समारोह में लोकतंत्र सेनानी कल्याण समिति के संयोजक धीरेंद्र नाथ श्रीवास्तव और जयप्रकाश नारायण सेवा समिति के अध्यक्ष अनिल त्रिपाठी भी मौजूद थे।
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इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष श्री रामगोविंद चौधरी ने कहा है कि आज देश के तीस फीसदी लोगों की स्थिति अत्यंत पीड़ाजनक है। चारो तरफ हताशा और भय व्याप्त है । ऐसे में सरकार ने केवल निर्देश जारी करने को अपना कर्म समझ लिया है और सरकारी तंत्र ने लोगों को प्रताड़ित करने को अपना धर्म समझ लिया है। इससे स्थिति और खराब हो गई है। उन्होंने कहा है कि सरकारी तंत्र को अपने इस रवैये से बाज आना चाहिए और सरकार को हर हाल में दुखी लोगों को भरण पोषण की गारन्टी देनी चाहिए।
रामगोविंद चौधरी ने कहा कि हिन्दू धर्म में गरीब की सेवा को नारायण की सेवा माना गया है, इस्लाम धर्म में जकात की व्यवस्था है। ईसाई गरीबों की सेवा को सबसे बड़ी सेवा मानता है। सिक्ख धर्म के अनुयाई लंगर चलाते हैं। इससे हम सभी लोगों को प्रेरणा लेनी चाहिए और कम से कम एक दुखी की मदद अवश्य करना चाहिए।
उन्होंने कहा है कि अचानक और अनियोजित लकबन्दी से परेशान लोगों की सेवा ही इस समय ईश्वर की सेवा है। सभी लोगों को इस नेक कार्य में लगना चाहिए। रामगोविंद चौधरी ने कहा है कि इस सेवा के दौरान भी लाक डाउन के नियमों का पालन करना चाहिए और लोगों को इसे लेकर सचेत भी करते रहना चाहिए।