अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए बुधवार को भूमिपूजन हो गया है. इस मौके पर 50 मुस्लिम परिवारों ने हिन्दू धर्म ग्रहण किया है. हिन्दू धर्म अपनाने वाले परिवार के बुजुर्गों का कहना है कि इतिहास का ज्ञान होने के बाद उन्होंने बिना किसी के दबाव के स्वेच्छा से हिन्दू धर्म ग्रहण किया है.
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पूर्वजों को डरा धमकाकर बनाया मुस्लिम
दरअसल हिन्दू धर्म अपनाने वाले सुभनराम ने बताया कि मुगल काल में मुस्लिमों ने हमारे पूर्वजों को डरा धमकाकर मुस्लिम बनाया था, लेकिन हम हिंदू धर्म से ताल्लुक रखते थे. लिहाजा, मुस्लिम हमसे दूरी रखते हैं. बकौल सुभनराम इतिहास की जानकारी होने के बाद हमने इस चीज के ऊपर गौर किया कि हम हिंदू हैं और हमें वापस हिंदू धर्म में जाना चाहिए.
हवन, यज्ञ करवाकर 250 सदस्यों ने पहना जनेऊ
हमारे रीति रिवाज पूरे हिंदू धर्म से संबंध रखते हैं. इसी के बाद पूरे परिवार ने हिंदू धर्म में वापसी की इच्छा जताई. फिर घर पर हवन यज्ञ करवाकर जनेऊ पहनकर परिवार के सभी 250 सदस्यों ने फिर से हिंदू धर्म में वापसी कर ली है. बता दें कि हिन्दू धर्म गृहण करने वाले ये परिवार बाड़मेर जिले के पायला कल्ला पंचायत समिति के मोतीसरा गांव में रहने वाले है.
बिना किसी दबाव के इच्छा से अपनाया हिंदू धर्म
वहीं गांव के पूर्व सरपंच प्रभुराम कलबी ने बताया कि ढाढ़ी जाति के परिवार के सदस्यों ने बिना किसी दबाव और अपनी इच्छा से हिंदू धर्म में वापसी की है. संविधान के अनुसार कोई भी व्यक्ति किसी भी धर्म को अपना सकता है. इसमें किसी को कोई आपत्ति भी नहीं है. पूरे गांव ने इनके इस फैसले का सम्मान किया है.
गौरतलब है कि कोरोना के चलते गांव में राम जन्मभूमि शिलान्यास के मौके पर सरपंच को बोलकर खुद हवन करवाया. इतना ही नहीं गांव में ढाढ़ी जाति के 50 परिवारों में से एक दर्जन के यहां मंदिर बने हुए हैं. परिवार में सभी के नाम हिंदू धर्म के हैं. उन्होंने बताया कि औरंगजेब के समय उनके पूर्वज हिंदू थे और दवाब के चलते पूर्वजों ने मुस्लिम धर्म को अपना लिया था.
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