न्यूज डेस्क — उत्तर प्रदेश के वाराणसी में मंगलवार को निर्माणाधीन चौकघट-लहरतारा फ्लाईओवर का एक हिस्सा गिरने से हुए हादसे में गुरुवार को सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कार्यदायी संस्था सेतु निगम के प्रबंध निदेशक राजीव मित्तल को हटा दिया गया.
वहीं राजन मित्तल की जगह जेके श्रीवास्तव को उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम का प्रबंध निदेशक बनाया गया है. राजन मित्तल को प्रबंध निदेशक के पद से तत्काल कार्यमुक्त किए जाने के आदेश जारी कर दिया गया है.इससे पहले सरकार ने सेतु निगम के चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर एचसी तिवारी समेत चार लोगों को पहले ही निलंबित किया जा चुका है. मामले में आज शाम उच्च स्तरीय जांच कमेटी भी अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपेगी.
कहा जा रहा है कि 6 और अधिकारीयों पर भी गाज गिरना तय है. सूत्रों के मुताबिक जांच रिपोर्ट में राजन मित्तल समेत 6 लोगों के खिलाफ भी आरोप तय किए गए हैं. उम्मीद है कि जांच रिपोर्ट के बाद एक और एफआईआर दर्ज हो सकती है, जिसमें मित्तल समेत 6 अन्य दोषियों के खिलाफ भी केस दर्ज हो सकता है.
बता दें कि राजन मित्तल पर पहले भी भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं. बावजूद इसके मित्तल किसी भी सरकार में मलाईदार पद पर बने रहने में कामयाब रहे. न्यूज़18 पर वाराणसी हादसे की खबर को प्रमुखता से दिखाने के बाद मांग उठाई थी कि कार्रवाई के नाम पर सिर्फ छोटे अधिकारीयों पर ही गाज नहीं गिरनी चाहिए. कार्रवाई बड़े अफसरों पर भी होनी चाहिए. राजन मित्तल पर आज की गई कार्रवाई न्यूज़18 की मुहीम का ही असर है.
इससे पहले सेतु निगम और निर्माणदायी संस्था के खिलाफ सिगरा थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है. मामले में आईपीसी की दफा 304, 308, 427 और ¾ में मुकदमा दर्ज किया गया है. मुकदमे में गैर इरादतन हत्या, हत्या के प्रयास, लोक संपत्ति और संपत्ति की क्षति की धाराएं भी लगाई गईं हैं.
बता दें मंगलवार शाम साढ़े पांच बजे के करीब निर्माणाधीन चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर का एक हिस्सा कैंट रेलवे स्टेशन के सामने गिर गया. इस हादसे में 15 लोगों की मौत हो गई जबकि 30 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. मामले में यूपी सेतु निगम के चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर समेत चार अधिकारी निलंबित कर दिए गए थे.