न्यूज़ डेस्क–आपने कभी-कभी आसमान से तारों को टूटते हुए भी देखा होगा लेकिन वह जमीन तक नहीं आता क्योंकि उल्का पिण्ड हमारे से बहुत दूर है। वह धरती पर आते-आते नष्ट हो जाते हैं और यह उल्का बारिश में आसमान में जगमगा उठता है और ऐसा ही कुछ आज रात को होने वाला है।
अब एक तार व उल्का पिण्ड टूटने के बजाय बहुत सारे उल्का पिण्ड टूटेंगे और वह घर्षण के कारण जल उठेंगे और रोशनी होगी लेकिन रात को पूरा दिन नहीं होगा थोड़ी सी अधिक रोशनी होगी। आकाश में जेमिनिड्स की कारण आगे आने वाली कुछ रातों में आकाश में अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा। यह बेहतरीन दृष्य किसी भव्य आतिशबाजी से कम नहीं रहने वाला। बता दें कि यह जेमिनिड्स 78,000 मील प्रतिघंटे की रफ्तार से आकाश से गुजरेंगे। हालांकि इससे कोई खतरा नहीं है और लोग बिना डरे इस इस नजारे का लुत्फ उठा सकते हैं।
जेमिनिड मिटियोर शावर एक 3 मील चौड़े ऐस्टरॉयड के कारण बनता है। इस ऐस्टरॉयड को 3200 फेथॉन के नाम से जाना जाता है जो 523 दिन में एक बार धरती से सबसे करीब से गुजरता है। सूर्य से नजदीकी के कारण इनका तापमान 800 डिग्री तक पहुंच जाता है और तेज गति से गुजरने के कारण इनमें से एक पदार्थ निकला है जो आसमानी आतिशबाजी (मीडियोर शावर) को दिखाता है। आमतौर पर सभी ऐस्टरॉयड बर्फ, धूल और पत्थर से बने होतो हैं, लेकिन जेमिनिड ऐस्टरॉयड पत्थर और धातु से बना होता है।
आज होने वाली इस घटना को देखने के लिए किसी टेलिस्कोप या दूरबीन की जरूरत नहीं है। रात 9 के बाद इसे आंखो से देखा जा सकता है। बता दें कि यह मीटियोर शावर रात 12 बजे के आसपास अपने तरम पर होगा और इस दौरान प्रतिघंटे 120 मीटियोर को देखा जा सकेगा।