प्रतापगढ़ः जिले के विभिन्न हिस्सों में तेज हवाओं के साथ जमकर हुई बारिश (rain) और भारी ओलावृष्टि के चलते फसले पूरी तरह तबाह हो गई। किसानों की खून, पसीने और मेहनत पर बारिश व भारी ओलावृष्टि ने पानी फिरा फेर दिया।ओलावृष्टि से सरसों चना, मटर, अरहर, गेंहू और सब्जियों की खेती को भारी छति हुई। हवा और बारिश (rain) से फसल जमीन पर पूरी तरह लेट गई।जिसको किसानों के चेहरों पर उदासी छा गई।
ये भी पढ़ें..उन्नाव रेप कांडः पीड़िता के पिता की हत्या मामले में कुलदीप सेंगर को 10 साल की सजा
दरअसल गुरुवार आधी रात के बाद आसमान से जामकर आफत बरसी । आसमान में आतिशबाजी के बाद तेज हवाओं के साथ बारिश शुरू हो गई और बड़े बड़े ओले पड़ने लगे। ओले इस कदर पड़े की सुबह तक पिघल नही पाए। इस आंधी, पानी और ओलावृष्टि के चलते खेतो में तैयार फसल पूरी तरह चौपट हो गई। जिसके चलते किसानो के चेहरों पर हवाइयां उड़ रही है और वह ठगा महसूस कर रहा है।
बता दें ज्यादातर किसान कर्ज लेकर खेती करते है और फसल तैयार होने के कर्ज चुकाने के साथ ही सामाजिक सरोकारों के साथ ही शादी व्याह का खर्च भी खेती पर ही निर्भर रहता है। बता दे कि लगभग सप्ताह भर से रात में रुक रुक कर बारिश हो रही है। ये नजारा है नरहरपुर का हालांकि ये तो महज बानगी है कमोवेश यही स्थित है सभी प्रभावित गांवों की। बड़ा सवाल ये है की फसल बर्बाद होने के बाद किसान कैसे उठाएगा अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों का बोझ और कैसे चुका पायेगा कर्ज। फिलहाल ये तो समय ही बताएगा।
ये भी पढ़ें..Corona virus से भारत में पहली मौत
(रिपोेर्ट-मनोज त्रिपाठी,प्रतापगढ़)