गाजियाबादः कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सपा मुखिया अखिलेश यादव (Rahul Gandhi-Akhilesh Yadav) ने गाजियाबाद में बुधवार को एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने भाजपा और पीएम नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा। अखिलेश यादव ने जहां बेरोजगारी और नौजवानों का मुद्दा उठाया तो वहीं राहुल गांधी ने इलेक्टोरल बॉन्ड के मुद्दे पर भाजपा को आड़े हाथों लिया।
अखिलेश यादव ने कहा कि आने वाले दिनों में पश्चिम का माहौल बदलने वाला है। इंडिया एलायंस गाजियाबाद से लेकर गाजीपुर तक उन्मूलन के लिए काम करेगा। आज किसान दुखी है। भाजपा के सारे वादे झूठे निकले। न आय दोगुनी हुई। किसी भी युवक को नौकरी नहीं मिली। उन्होंने कहा कि दिखाए गए विकास के सपने भी अधूरे हैं। नैतिकता का बुलबुला भी फूट गया है। चुनावी बांड ने उनकी बैंड बजा दी। भाजपा सभी भ्रष्टाचारियों का गोदाम बन गयी है।
लूट और झूठ भाजपा की पहचान-अखिलेश यादव
अखिलेश ने कहा, ”होर्डिंग देखिए।” डबल इंजन की बात करते थे, लेकिन वहां अकेले नजर आ रहे हैं। उनके प्रत्याशी होर्डिंग्स से गायब हैं। चुनाव के बाद होर्डिंग पर लगे लोग भी गायब हो जायेंगे। चुनाव के बाद उनका सफाया हो जायेगा। इनका एक ही नारा है झूठ बोलो और लूटो। लूट और झूठ भाजपा की पहचान बन गई है।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने 60 लाख युवाओं का भविष्य अंधकार में डाल दिया है। हर लोकसभा में बीजेपी के वोट 2 लाख 25 हजार कम हुए हैं। इसलिए एक भी वोट नहीं बंट सका। हमें मतदान तो करना ही है, साथ ही सावधान भी रहना है। तभी बीजेपी का सफाया होगा। ये देश का चुनाव है। देश की जनता बदलाव चाहती है। पश्चिमी यूपी से बदलाव की बयार चल रही है।
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राहुल ने भाजपा पर साधा निशाना
राहुल गांधी ने देशवासियों को रामनवमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह चुनाव विचारधारा का चुनाव है। एक तरफ आरएसएस और बीजेपी है जो संविधान को नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं। दूसरी तरफ इंडिया अलायंस है जो लोकतंत्र और संविधान की रक्षा कर रहा है। चुनाव में दो-तीन बड़े मुद्दे हैं।
बेरोजगारी, महंगाई, भागीदारी प्रमुख मुद्दे हैं। कभी प्रधानमंत्री समुद्र के अंदर चले जाते हैं तो कभी सी प्लेन में चले जाते हैं। लेकिन न तो प्रधानमंत्री और न ही भाजपा मुद्दों पर बात करती है।’ कुछ दिन पहले पीएम मोदी ने एक न्यूज एजेंसी को लंबा इंटरव्यू दिया था। यह स्क्रिप्टेड था, यह एक फ्लॉप शो था।
राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी ने उस इंटरव्यू में चुनावी बॉन्ड को समझाने की कोशिश की। उनका कहना है कि यह व्यवस्था पारदर्शिता के लिए लाई गई है। इसे स्वच्छ राजनीति के लिए लाया गया है। अगर ये सच है तो सुप्रीम कोर्ट ने उस व्यवस्था को रद्द क्यों किया? अगर आप पारदर्शिता लाना चाहते हैं तो आपने उन लोगों के नाम क्यों छुपाए जिन्होंने बीजेपी को हजारों करोड़ रुपये दिए। दान की तारीखें भी छिपाई गईं। यह बात सामने आई है कि एक कंपनी को हजारों करोड़ का ठेका मिलता है, उसके तुरंत बाद वह कंपनी बीजेपी को चंदा देती है।
उन्होंने कहा, सीबीआई और ईडी की कार्रवाई शुरू होते ही कंपनी बीजेपी को करोड़ों रुपये देती है। उसके बाद यह क्रिया बंद हो जाती है। इसे जबरन वसूली कहा जाता है। चुनावी बांड योजना देश की सबसे बड़ी जबरन वसूली योजना है। राहुल गांधी ने कहा कि 20 दिन पहले बीजेपी सोच रही थी कि वह 180 सीटें तक जीतेगी। अब मुझे लगता है कि बीजेपी को सिर्फ 150 सीटें ही मिलेंगी। मुझे हर राज्य से ऐसी ही रिपोर्ट मिल रही है।
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