रागिनी हत्याकांडः चार लोगों को आजीवन कारावास के साथ 50-50 हजार का जुर्माना

रागिनी हत्या कांड में पीड़ित परिवार को धमकियों से लेकर राजनैतिक दबाव तक डाले जाते रहे पर न्याय के उम्मीद में रागिनी का परिवार दबंग कातिलो से लड़ता रहा..

बलिया — पुरे देश को झकझोर देने वाले रागनी हत्या कांड में बलिया कोर्ट ने अपना फैसला सुनते हुए चार आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने अरोपियों पर 50-50 हजार आर्थिक दंड भी लगाया है।

जिनमे से आधी रकम मृतिका रागिनी के परिवार को मिलेगी। बता दें कि घटना में कुल पांच आरोपी बनाये गए थे, जिनमे से एक आरोपी नाबालिक होने के वजह से उसका मामला किशोर न्यायालय में चल रहा है।रागिनी हत्याकांड का केश लड़ रहे अधिवक्ता शम्भु नाथ उपाध्याय का कहना है की इस फैसले के बाद लोगो में न्याय के प्रति आस्था और ज्यादा बढ़ेगी साथ ही लड़कियों के साथ अन्याय करने वालो के मन में ये डर भी बैठेगा की वो कितने भी ताकत वर क्यों न हो सजा तो मिल कर ही रहेगी।

रागिनी एक ऐसी लड़की थी जिसके ख्वाब असमान को छूने के थे। इंजिनियर बन्ने के थे। अपने माँ बाप का सहारा बन्ने के थे पर 8 अगस्त 2017 को रागिनी के इन ख्वाबो का सरेराह कत्ल हो गया। दरअसल उस दिन 12 वीं में पढने वाली रागिनी अपनी बहन के साथ घर से स्कुल के लिए साईकल से  निकली थी। घर से महज चंद कदमो की दुरी पर पहुँचते ही गाँव के प्रधान और उसके बेटे और तीन अन्य साथियों के साथ मोटर साईकल पर सवार होकर रागिनी का रास्ता रोक देते है। रागिनी जब तक जब तक कुछ समझ पाती प्रधान का बेटा प्रिंस रागनी के गले पर चाकुओं से वार कर देता है।

इस दौरान रागिनी को इलाज के लिए जब जिला चिकित्सालय लाया जा है तो उसकी मौत हो जाती है। रागिनी हत्या कांड में पीड़ित परिवार को धमकियों से लेकर राजनैतिक दबाव तक डाले जाते है पर न्याय के उम्मीद में रागिनी का परिवार दबंग कातिलो से लड़ता रहता है। रागिनी के पिता का कहना है की रागिनी को इंसाफ मिल गया पर देश की उन तमाम लडकियों के अभिवावकों के लिए ये सन्देश है की लड़कियों के खिलाफ होने वाले अपराध को छुपाने के बजाय अपराधियों के खिलाफ न्याय की लड़ाई लड़े।

(रिपोर्ट-मनोज चतुर्वेदी,बलिया)

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