अवैध वसूली रोकने के लिए अब रोड पर सादे कपड़ों में गश्त करेगी ट्रैफिक पुलिस

लखनऊ: शहीद पथ पर कार सवार जोड़े से वसूली करने के आरोप में पीएसी प्लाटून कमांडर के पकड़े जाने के बाद ट्रैफिक पुलिस हरकत में आई है। हाई-वे और आउर रोड पर मिल रही वसूली की शिकायतों की निगरानी करने के लिए एएसपी ट्रैफिक ने रविवार को एक विशेष टीम बनाई है। इस टीम में टीआई और कुछ विश्वसनीय टीएसआई को शामिल किया गया है जिनका नाम गोपनीय रखा जाएगा। एक सीओ को इस टीम की निगरानी का जिम्मा सौंप गया है।

एएसपी ट्रैफिक रविशंकर निम ने बताया कि टीम में शामिल ट्रैफिककर्मी सादे कपड़ों में रहेंगे। इन्हें निदेशालय से मंगवाकर ऐसी गाड़ी मुहैया करवाई जाएगी जिसपर न तो पुलिस का लोगो होगा न कोई बत्ती लगी होगी। यह टीम पूरे दिन शहीद पथ, कानपुर रोड, रिंग रोड और बाकी आउटर सड़कों पर भ्रमण करेगी। जिस पॉइंट पर इन्हें संदेह होगा रुककर वहां तैनात पुलिस या ट्रैफिककर्मी की गतिविधियों को देखेंगे। विभागीय कर्मचारियों को वसूली जैसे अपराध करते देख तत्काल उन्हें या एसएसपी को सूचना देंगे।

एएसपी ट्रैफिक ने बताया कि राजधानी में वसूली करने वाले युवकों को गैंग चल रहा है। यह ज्यादातर ग्रामीण इलाकों की सड़कों पर पुलिसकर्मी बनकर वाहनों को रोकर वसूली कर रहे हैं। सूचना यह भी मिली है कि कुछ युवक गाड़ियों पर नीली बत्ती लगाकर ट्रकों और अन्य बड़ी गाड़ियों को निशाना बना रहे हैं। जानकारी के मुताबिक दो से तीन ऐसे गैंग भी हैं जिनका सहयोग थाने और ट्रैफिक के पुलिसकर्मी भी कर रहे हैं। वसूली के इस खेल को पकड़ने के लिए बनाई गई विशेष टीम बॉडीवार्न कैमरे से लैस रहेगी ताकी उनके पकड़े जाने पर साक्ष्य के तौर पर विडियो मौजूद रहे। अवैध वसूली की शिकायतों पर पिछले साल भी तत्कालीन एएसपी ट्रैफिक हबीबुल हसन ने ऐसी ही एक निगरानी टीम बनाई थी। उस वक्त तेलीबाग, उतरेठिया और मोहनलालगंज में पुलिस बनकर वसूली करने के कई मामले पकड़ में आए थे। तीन मामलों में एफआईआर भी दर्ज करवाई गई थी, लेकिन पूर्व एएसपी के तबादले के साथ ही यह व्यवस्था ठप हो गई थी।

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