फर्रूखाबाद– सावधान ! आपके गाँव- मोहल्ले के कोटे की दूकान से जो गेहूं और चावल आपके घर पहुँच रहा है उसमे घटतौली हो रही है। गरीब से गेहूं और चावल का पैसा तो पूरा लिया जा रहा है पर उसके एवज में उसे इसकी पूरी मात्रा नहीं मिल रही है।लेकिन आप परेशान होकर भी क्या करेंगे क्योंकि घटतौली का खेल तो सरकारी गल्ला गोदाम से ही शुरू हो जाता है।
कमालगंज के रहने वाले समाजसेवी कार्यकर्ता धर्मेंद्र कुमार पिछले तीन साल से गरीबों के गेहूं और चावल में होने वाली घटतौली की लड़ाई लड़ रहे हैं। दरअसल जब वह अपने कोटे की दूकान से गेहूं और चावल लेकर आये तो उन्हें इसकी मात्रा काम होने की आशंका हुई। उन्होंने घर आकर इसकी तौल कराई तो उनकी आशंका सही साबित हुई। उन्होंने कई और लोगों के गेहूं और चावल तौलवाये तो उनकी भी मात्रा काम थी। शुरू में धर्मेंद्र ने निचले स्तर पर घटतौली की शिकायतें की पर किसी शिकायत से वह किसी अंजाम तक नहीं पहुँच पाए। इसके बावजूद वह हिम्मत नहीं हारे और मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी से बराबर शिकायतें करते रहे। अपनी मुहिम में लगे धर्मेंद्र ने इस बार फिर मौका लगते ही जिलाधिकारी मोनिका रानी से शिकायत की और जाँच कराने को कहा तो जिलाधिकारी के निर्देश पर पूर्ति निरीक्षक जांच के लिए मौके पर पहुंचे।
शिकायत के अनुसार उन्होंने कई बोरियों की तौल कराई तो उनका वजन कम निकला। धर्मेंद्र ने बताया कि इस घटतौली में अधिकारीयों से नेता तक सभी का हिस्सा रहता है.पूर्ति निरीक्षक राजेश चौधरी ने बताया कि गेहूं और चावल की बोरी का वजन 50 -50 किलो होना चाहिए। पर शिकायतकर्ता के कहने पर जिन बोरियों का वजन कराया गया उनकी तौल 45 से 48 किलो तक निकला है। श्री चौधरी ने बताया कि वह एसडीएम के निर्देश पर जांच करने आये थे। वह अपनी रिपोर्ट में सभी तथ्यों का उल्लेख करेंगे।
(रिपोर्ट-दिलीप कटियार, फर्रूखाबाद)