पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले सियासत तेज हो गई है। पंजाब की कांग्रेस सरकार और राज्य कांग्रेस संगठन में फिर टकराव बढ़ने लगा है। दरअसल पंजाब विधानसभा के सितम्बर माह में होने वाले संभावित सत्र में क्या-क्या एजेंडे होंगे, जिसको लेकर पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने तय करने शुरू कर दिए हैं।
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वहीं सत्र से पहले पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रांतीय अध्यक्ष सिद्धू के मध्य होने वाली बैठक में एजेंडे की कॉपी मुख्यमंत्री को दी जाएगी और एक कॉपी पार्टी हाईकमान को सौंपी जाएगी। दो दिनों तक हुई पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह द्वारा पार्टी अध्यक्ष सोनिया गाँधी से मुलाकात के बाद आज सिद्धू खेमे के एक मंत्री और छह विधायक कांग्रेस पार्टी की समानांतर सत्ता राहुल व प्रियंका गाँधी से मिलने चले गए हैं।
कैप्टन और नवजोत सिद्धू के मध्य छत्तीस का आंकड़ा
गौरतलब है कि कैप्टन और नवजोत सिद्धू के मध्य छत्तीस का आंकड़ा है, परन्तु दो केंद्रों में बंटी कांग्रेस में सोनिया गाँधी ने कैप्टन का समर्थन किया तो राहुल-प्रियंका ने सिद्धू का समर्थन किया। जिसके बाद सिद्धू पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष बन गए। अपने पदभार ग्रहण समारोह में सिद्धू ने सबको साथ लेकर चलने की बात कही और बाद में खुद ही सरकार के एजेंडे तय करने लगे। जिसपर मुख्यमंत्री ने कहा कि पार्टी चलाना सिद्धू के हवाले है और सरकार कैसे चलानी है, ये उनका काम है।
पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद सिद्धू के निशाने पर जहाँ विपक्षी विशेष रूप से उनके राजनीतिक दुश्मन अकाली नेता रहे, वहीं उन्होंने अपनी ही कैप्टन सरकार को लगातार निशाने पर रखा हुआ है। बेशक सिद्धू ने वो मुद्दे अब उठाने कम कर दिए, जो मुद्दे वे पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष बनने से पूर्व उठाया करते थे।
सोनिया के मिले कैप्टन
सूत्रों की माने तो कैप्टन ने दो दिनों पूर्व दिल्ली में सोनिया गाँधी से मुलाकात में इस बात को रखा था कि ऐसे में पार्टी और सरकार के समक्ष चुनावों की तैयारी में परेशानी पैदा हो सकती है। सिद्धू को पार्टी हाईकमान ने इस बात के लिए इशारा भी कर दिया तो आज सिद्धू की तरफ से मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा और उनके साथ छह विधायक आज पार्टी हाईकमान से बात करने दिल्ली चले गए हैं।
16 अगस्त को होगी बैठक
बता दें कि पंजाब मंत्रिमंडल की बैठक स्वतंत्रता दिवस के ठीक एक दिन बाद 16 अगस्त को रखी गई है। इसी बैठक में पंजाब विधानसभा के सितम्बर में होने वाले संभावित सत्र का निर्णय होगा, वही मंत्रिमंडल में फेरबदल का निर्णय भी हो सकता है। फिलहाल पंजाब सरकार में एक मंत्री पद रिक्त है जबकि पांच मंत्रियों के विभागों में फेरबदल हो सकती है। इसी बात को लेकर सिद्धू और कैप्टन धड़ा लॉबिंग में लगा हुआ है।
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