बलिया– प्रधानमंत्री मोदी के जनता कर्फ्यू (public curfew) का असर जहां पूरे देश मे दिख रहा है वही बलिया जनपद में एक बड़ी चूक भी सामने आई।
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बलिया रेलवे स्टेशन, रोडवेज सहित कई सड़कों पर भीख मांगने वाले निराश्रित लोग घूमते रहे| जबकि निराश्रितों के लिए जिला प्रशासन के तरफ से बनाया गया आश्रय स्थल खाली पड़ा रहा।
कोरोना का सबसे ज्यादा खतरा रेलवे स्टेशन या फिर रोडवेज पर है जहां बड़ी संख्या में लोग बाहर से आते है| ऐसे में भीख मांगने वाले निराश्रित आसानी से कोरोना का शिकार हो सकते है| जानकारों की माने तो कोरोना का संक्रमण बुजुर्गो में फैलने का सबसे ज्यादा खतरा है और भीख मांगने वाले निराश्रितों में बूढ़े और असहायों की संख्या बहुत ज्यादा है|
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ये स्थिति तब और भी भयानक हो सकती है जब ये निराश्रित लोग भीख मांगने के लिए पूरे शहर में घूमते रहते है। जहां बलिया की सभी सड़कें जनता कर्फ्यू (public curfew) में सूनी पड़ी हुई थी वही ये निराश्रित सड़को, चौराहों और रेलवे स्टेशन के बाहर घूम रहे थे और इन्हें पूछने वाला कोई नही था।
निराश्रित लोंगों के लिए बाकायदा आश्रय स्थल भी बना है । 56 बेड के बने आश्रय स्थल में महज़ एक महिला ही मिली। लिहाज़ा जिला प्रशाशन ऐसे निराश्रितों को आश्रय स्थल में नही ले जाता, तो ये चूक कही बड़ी समस्या न बन जाये।
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जनता कर्फ्यू (public curfew) के ज़रिए कोरोना के खिलाफ देश भर की मुहिम काबिले तारीफ है पर निराश्रितों की अनदेखी बड़ी चूक भी साबित हो सकती है। जो कोरोना को कही भी कभी भी दस्तक दे सकता है|
(रिपोर्ट-मनोज चतुर्वेदी, बलिया)