बलरामपुर: कोरोना वायरस महामारी में संक्रमण काल के दौरान जिले में सम्पूर्ण लॉकडाउन है। ऐसे समय में मानसिक रोगियों का इलाज करना चुनौतीपूर्ण है। इसे देखते हुए नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नई दिल्ली के मनोरोग विभाग ने मनोरोगियों के इलाज के लिए टेली मनोचिकित्सा (Psychological) की सलाह देते हुए आवश्यक दिशानिर्देश जारी किये है। जिसके तहत संचार के विभिन्न साधनों जैसे मोबाइल फोन, टेक्स्ट मैसेज, वाट्सऐप, ईमेल आदि के जरिए मनोरोगियों को इलाज व परामर्श दिया जा रहा है।
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दरअसल मानसिक रोग के नोडल अधिकारी व एसीएमओ डा. बी.पी. सिंह ने शनिवार को बताया कि लॉकडाउन का समय बढ़ने के साथ साथ जिले में मनोरोगियों की संख्या में इजाफा हो रहा है। ज्यादातर लोग अपने परिवार के साथ वक्त बिता रहे है लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं कोरंटीन सेंटर्स में रखा गया है और अपने परिवार से दूर इन लोगों पर मानसिक दबाव काफी बढ़ रहा है। इसके अलावा इस दौरान मनोरोगियों को अस्पताल पहुंचने और दवा खरीदने में भी कठिनाई हो रही है। दवा की अनुपलब्धता और मानसिक रोगियों को समय पर दवा नहीं मिलने के कारण उनके विकार के बढ़ने या ठीक होने की गति रूकने की संभावना है।
3 हजार लोगों की सूची उपलब्ध कराई गई
ऐसे में जिला मेमोरियल चिकित्सालय के मानसिक स्वास्थ्य केन्द्र में साइकोलॉजिकल (Psychological) सपोर्ट टीम लोगों टेली काउंसलिंग करने में जुटी है। क्लीनिकल साइकोलाॅजिस्ट डा. अशोक पटेल ने बताया कि जिले के मानसिक स्वास्थ्य केन्द्र पर सुबह 8 बजे से 2 बजे तक विवेक सिंह, संदीप सिंह, प्रीति मिश्रा, उमंग श्रीवास्तव और अनुराधा तिवारी की टीम कोरंटीन सेंटर में रह रहे लोगों की काउंसलिंग में जुटी है।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से टीम को 3 हजार लोगों की सूची उपलब्ध कराई गई है जिन्हे काॅल करके उनकी समस्याओं के बारे में जानकर सही परामर्श दिया जा रहा है। उन्होने बताया कि अब तक करीब 500 लोगों को कालिंग की गई है जिसमें से 341 लोगों की सफल काउंसलिंग की गई है। कोई भी व्यक्ति जिले के मानसिक स्वास्थ्य केन्द्र के 8874412546 मोबाइल नम्बर पर काॅल करके मनोचिकित्कीय परामर्श ले सकता है।
सवालों के जवाब से सुधर रहे हालात
मानसिक स्वास्थ्य केन्द्र की साइकोलाॅजिकल (Psychological) सपोर्ट टीम लोगों को काॅल करके उनके कोरंटीन सेंटर्स, ट्रैवल हिस्ट्री, बीमारी व कोरोना वायरस के लक्षणों के बारे में सवाल करती है। उसका जवाब मिलने पर कुछ साइकोलाॅजिकल (Psychological) सवालों का जवाब पूछ जाता है। इसके द्वारा पता करने की कोशिश की जाती है कि कहीं व्यक्ति मानसिंक तौर पर बीमार तो नहीं हो रहा है। टीम से ज्यादातर लोगों के सवाल होते है कि वे कोरंटीन का समय कितना है, हम घर कब जाएंगें, हम घर में कोरंटीन रह सकते है तो यहां क्यों रखा गया है, उन्हे अपने घर और परिवार की याद आ रही है क्या करें। टीम उनके सवालों को ध्यान से सुनकर उसका जवाब देती है जिससे वे मानसिक तौर पर संतुष्ट हो जाते हैं।
केन्द्रीकृत टेली काउंसलिंग पर कर सकते है सम्पर्क
सरकारी टेलीमेडिसीन प्रैक्टिस गाइडलाइन के अनुसार दिए केन्द्रीकृत नंबर 9999625860 पर मरीज मैसेज भेजकर सुविधा ले सकते हैं। दूसरी तरफ से उन्हे एप्वाइंटमेंट की तारीख और यूएचआईडी नंबर दिया जाएगा। इसके बाद चिकित्सक ऑडियो या वीडियो कॉल द्वारा पंजीकृत या अन्य मरीजों को परामर्श देंगे। चिकित्सक दवाएं लेने और अन्य परामर्श डिजीटल पर्ची वाट्सऐप के माध्यम से मरीजों को भेजेंगे। आपातकाल लगा तो मनोरोगियों को नजदीकी मनोचिकित्सा अस्पताल में जाने की सलाह देंगे।
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(रिपोेर्ट- सुजीत कुमार, बलरामपुर)