श्रीलंका में अभी भी हालात गंभीर बने हुए है। प्रदर्शनकारियों का प्रदर्शन और भी आक्रामक हो गया है। वहीं बड़ी संख्या में बुधवार को प्रदर्शनकारी पीएम हाउस में घुस गए और प्रदर्शनकारियों ने स्पीकर हाउस के बाहर डेरा डाला हुआ। साथ ही राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के मालदीव जाने के बाद जनता और आक्रोषित हो गई है साथ ही विरोध प्रदर्शन भी उग्र हो गया है। दरअसल, कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने हालात बेकाबू होते देख देश में इमरजेंसी लगाने का एलान कर दिया है।
यूएन महासचिव श्रीलंका प्रदर्शनकारियों की शिकायतों का समाधान:
बता दें कि यूएन के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने श्रीलंका के सभी पार्टियों के नेताओं से शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक परिवर्तन के लिए समझौते की भावना को अपनाने की अपील की है। उन्होंने कहा, “यह महत्वपूर्ण है कि संघर्ष के मूल कारणों और प्रदर्शनकारियों की शिकायतों का समाधान किया जाए। साथ ही यूएन महासचिव ने कहा कि श्रीलंका के हालात पर गहरी नजर बनाए हुए हैं।
विक्रमसिंघे बने नए कार्यवाहक राष्ट्रपति:
दरअसल, राजपक्षे के देश से भाग जाने के बाद पीएम रानिल विक्रमसिंघे ने बुधवार को अस्थायी अवधि के लिए कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में शपथ लिया है। वहीं 20 जुलाई को संसद द्वारा नए राष्ट्रपति का चुनाव किया जाना है।
बता दें कि श्रीलंका अपनी स्वतंत्रता के बाद से सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। वहीं सबसे बड़ी वजह यही है जो राजपक्षे को राष्ट्रपति पद से हटाने की मांग को लेकर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। वहीं शनिवार (9 जुलाई) को हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति आवास पर धावा बोल दिया था लेकिन राजपक्षे उससे पहले ही वहां से भाग निकले थे।
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