Covid-19: अस्पताल में कोरोना योद्धाओं का प्रदर्शन

बहराइचः जिनको कोरोना योद्धा कहा जा रहा है। जिनके सम्मान के लिए फूलों की बारिश की जा रही है। उन्हीं के जान से विभाग ही खिलवाड कर रहा है। इसी आरोप को लगाकर मेडिकल काॅलेज के कोरोना वार्ड समेत अन्य वार्डाें में डयूटी कर रहे सफाई कर्मचारियों ने प्रदर्शन (Protest) किया। सफाईकर्मियों के प्रदर्शन (Protest) से स्वास्थ्य महकमें में हडकंप मच गया। आनन-फानन में उच्च अधिकारियों ने पहुचकर मामले की जांच कराने का आश्वाश्न देकर प्रदर्शन समाप्त कराया।

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अस्पताल की खामियां उजागर

पूरा देश कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रहा है। इस महामारी को भगाने में सबसे अधिक योगदान डॉक्टर्स व सफाईकर्मियों का है। पीएम नरेद्र मोदी ने भी इनके लिए ताली व थाली बजवा कर इनका उत्साहवर्धन किया था, लेकिन वहीं सफाई कर्मचारी उपेक्षा का शिकार हो रहे है। मेडिकल कालेज में तैनात सफाईकर्मियों ने गुरूवार को प्रदर्शन (Protest) कर अस्पताल प्रबंधन की बड़ी कमियों को उजागर किया।

सफाईकर्मियों का आरोप है कि वह जान जोखिम में डालकर आइसोलेशन वार्ड सहित कोरोना कोरेण्टाइन वार्ड की सफाई करते है। इसके बावजूद उन्हें वायरस से बचने के लिए कोई किट नही दिया गया है और ना ही उन्हें सैलरी ही दिया गया है। यही नही जो सैलरी तय की गई है उसमें से भी भारी कटौती की जा रही है। लिहाजा अब सभी सफाईकर्मी विरोध जताते हुए सफाई करने से इंकार कर दिया है। सफाई कर्मचारियों के इस विरोध प्रदर्शन के बाद अस्पताल में अफरातफरी का माहौल बना रहा।

आरोप निराधार है…

वहीं अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि इन सफाईकर्मियों को 95 मास्क उपलब्ध करवाने के लिए मंगवाया गया है। इसी के साथ पीपीई किट उपलब्ध होने पर सभी को दिया जाएगा। वहीं सेलरी पर सफाई देते हुए अस्पताल के सीएमएस डाॅ डीके सिंह ने कहा कि 7200 रुपये सैलरी में से पीएफ काटकर 5500 सभी को दिया जा रहा है सैलरी हड़पने का आरोप निराधार है।

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(रिपोर्ट- अनुराग पाठक, बहराइच)

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