उत्तर प्रदेश से वर्दीधारी खाकी की आड़ में आम लोगों के रक्षक नहीं बल्कि भक्षक हो गए हैं। दरअसल, मानवता को शर्मसार करते हुए सामुहिक दुष्कर्म पीड़ित नाबालिग को थानाध्यक्ष ने भी अपनी हवस का शिकार बनाया। वहीं रोते हुए पीड़िता एसपी कार्यालय पहुंची और अपनी साथ हुए दुष्कर्म के बारे में बताया। जिसके बाद ललितपुर के एसपी निखिल पाठक ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एसएचओ को निलंबित कर दिया है। साथ ही मामले में जांच के आदेश दिए हैं।
थाना अध्यक्ष ने नाबालिग के साथ किया दुष्कर्म:
बता दें कि मौसी ने पीड़िता का बयान दर्ज कराने के लिए थाने लेकर गई थी। वहीं मौसी ने नाबालिग को थाना अध्यक्ष के पास छोड़कर चली गई। फिर थानाध्यक्ष ने पीड़िता को अपनी हवास का शिकार बनाया। उसके बाद इस घटना के बारे में नाबालिग ने चाइल्ड लाइन में काउंसलिंग के दौरान बताया। वहीं इस घटना के बाद से थानाध्यक्ष तिलकधारी सरोज फरार हैं। हालांकि पुलिस अधीक्षक द्वारा थानाध्यक्ष को सस्पेंड कर दिया गया है और चार युवकों में से एक को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। इसके अलावा अन्य को गिरफ्तार करने के लिए टीमें बनाई गई है।
मां ने दिया था तहरीर:
दरअसल, घटना के बारे में पुलिस अधीक्षक निखिल पाठक ने जानकारी देते हुए बताया कि, ‘बुधवार को एक बच्ची अपनी मां के साथ पुलिस ऑफिस में आई थी और उनके द्वारा तहरीर भी दी गई थी। वहीं तहरीर में लिखवाया था कि चार लड़के उसे अपने साथ भोपाल लेकर गए थे। वहां पर उन लोगों ने उसके साथ बलात्कार किया। इतना ही नहीं जब वह इस घटना की शिकायत करने के लिए थाने गई तो वहां पर थानाध्यक्ष ने भी उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद मामले में संज्ञान लेते हुए पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज कर ली गई है, जिसमें कुल छह नामजद हैं। वहीं पुलिस ने अभी तक इन आरोपियों में से एक को गिरफ्तार किया है।
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