लखनऊ– पहली बार यूपी निकाय चुनावों में उतरी आम आदमी पार्टी ने राजधानी लखनऊ की रहनेवाली प्रियंका माहेश्वरी को अपना मेयर प्रत्याशी घोषित किया है। प्रियंका अपने हसबैंड के साथ स्टेशनरी मैन्युफेक्चरिंग और सप्लाई का बिजनेस करती हैं। प्रियंका बताती हैं, “मेरे पति गौरव आम आदमी पार्टी के वॉलंटीयर हैं।
इस वजह से वे अकसर घर में पॉलिटिक्स से जुड़े डिस्कशन करते थे। मैं उनकी बातों से इर्रिटेट हो जाती थी। एक दिन मैंने उनसे कहा कि मुझे राजनीति से चिढ़ होती है। कहते कुछ हैं, करते कुछ और हैं। इनसे जितना दूर रहो उतना बेहतर। यूथ को बिजनेस पर ध्यान देना चाहिए।”
उन्हें मेरी बात बुरी लगी। वे तपाक से बोले- आज तुम पॉलिटिक्स को कोस रही हो, कल को अपने बच्चे भी यही करेंगे। अगर सब इसे गंदा कहकर दूर हो जाएंगे तो इसे साफ करने के लिए पॉलिटिक्स से जुड़ेगा कौन? इतना कहकर वे बिना कुछ खाए घर से चले गए।” गौरव की बात से मैं हैरान थी। मैं दिनभर परिचितों से फोन पर इसी टॉपिक को लेकर डिस्कस करती रही। मेरे विचारों को सुनकर सभी ने कहा कि तुम अगर पॉलिटिक्स में आ जाओ तो चेंज ला सकती हो। शाम होते-होते मैंने ठान लिया कि मैं भी इस फील्ड में उतरूंगी और समाज में सुधार लाऊंगी।”
जब हसबैंड शाम को लौटे, मैंने उन्हें अपना फैसला बताया। वे मुस्कुराए और मेरा पार्षदी चुनाव में उतरने का फैसला पक्का हो गया।”
प्रियंका बताती हैं, “मैं आगरा की रहने वाली हूं। मैंने बीकॉम से MBA तक की डिग्री वहीं से हासिल की है। पापा का टेक्सटाइल बिजनेस है। मैंने बिजनेस की बारीकियां उन्हीं से सीखीं। एमबीए के बाद कुछ जॉब इंटरव्यू भी दिए, लेकिन मुझे लगा कि मेरे सपने सिर्फ सेल्फ बिजनेस से ही पूरे हो सकते हैं। इसलिए मैंने कभी कोई जॉब ज्वाइन नहीं की।”
2009 में जब MBA कर रही थी, तभी मेरी शादी गौरव से फिक्स हो गई थी। तब वे स्टेशनरी सप्लाई का काम करते थे। शादी के बाद मैंने उन्हें खुद का बिजनेस खड़ा करने का सपना बताया। वो तैयार हो गए। हम दोनों ने मिलकर स्टेशनरी मैन्युफेक्चरिंग युनिट लगाई। बिजनेस में गौरव सप्लाई डिपार्टमेंट देखते हैं, बाकी सब डिपार्टमेंट मेरे अंडर हैं। प्रेजेंट में हमारे पास दो दर्जन से ज्यादा लोगों का स्टाफ है।