अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर कांग्रेस का लखनऊ में पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृत्व में महिला मार्च निकाला गया। करीब तीन किलोमीटर के इस महिला मार्च में शामिल होने वाली कुछ महिलाओं को कांग्रेस की तरफ से स्कूटी और स्मार्ट फोन भी दिया गया। अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष नेट्टा डिसूजा ने कहा कि महिला मार्च लखनऊ के 1090 चौराहे से शुरू होकर सिकंदरबाग में वीरांगना ऊदा देवी प्रतिमा स्थल पर खत्म हुआ।
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उन्होंने बताया कि कांग्रेस के इस मार्च में समाजसेवा, चिकित्सा, शिक्षा और फिल्म जगत से जुड़ी महिलाएं भी शामिल हुईं। यह महिला मार्च एकजुटता का संदेश देने और राजनीति को अधिक समावेशी बनाने और उसमें महिलाओं की भागीदारी का भी प्रतीक है। प्रियंका गांधी वाड्रा ने लखनऊ में इस मार्च का नेतृत्व किया। डिसूजा ने कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी ने अपने अभियान लड़की हूं, लड़ शक्ति हूं के बड़े अभियान को चुनाव क्षेत्र से परे ले जाने का फैसला किया है। कांग्रेस ने महिला सशक्तिकरण के इस अभियान को आगे बढ़ाने का फैसला किया है।
राज्य में लगातार कमजोर हो रही कांग्रेस
राज्य में कांग्रेस पार्टी लगातार कमजोर रही है। राज्य में 2012 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 28 सीटें जीती थी. लेकिन 2017 के चुनाव में वह महज सात सीटों पर ही जीत दर्ज कर सकी थी। जबकि 2017 के चुनाव में कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया था। लेकिन इस बार चुनाव में वह एसपी के खिलाफ भी चुनाव लड़ रही थी। जानकार कहते हैं कि 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस महज एक सीट ही जीत सकी। ये पूरे आंकड़े राज्य में कांग्रेस की कमजोर स्थिति को बयां करते हैं।
एक्जिट पोल में कांग्रेस में को मिल रही कम सीटें
बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे दस मार्च को घोषित होंगे। लेकिन इससे पहले विभिन्न एजेंसियों के एक्जिट पोल में कांग्रेस की स्थिति को निराशाजनक बताया गया है। राज्य में ज्यादातर एजेंसियों कम सीटें दी हैं. जबकि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने राज्य में सबसे ज्यादा रोड शो और रैलियां की भी की थी। यही नहीं कांग्रेस ने महिलाओं को भी 40 फीसदी टिकट दिए थे। वहीं आज एक्जिट पोल के नतीजों पर यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी ने कहा कि हम जितनी मेहनत कर सकते थे उतनी की है। हम लड़े और हम इंतजार करेंगे और परिणाम देखेंगे।
असल में एक्जिट पोल के नतीजों को लेकर कांग्रेस का कहना है कि अभी इंतजार किया जाना चाहिए और अंतिम परिणाम से पहले किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंचना चाहिए। वहीं कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि पार्टी इस बार अकेले चुनावी मैदान में उतरी थी और उसने महिलाओं पर फोकस किया था। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया था। कांग्रेस के नेता कहते हैं कि राज्य में प्रियंका गांधी के अतिरिक्त कोई दूसरा चेहरा नहीं था।
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